Hafiz Saad Hussain Rizvi: एक हाथ में कुरान, तो दूसरे में एटम बम रखने की सलाह देने वाला हुसैन रिज़वी कौन है, कहा- बम लेकर स्वीडन जाओ और कहो- कुरान बचाने आए हैं
Pakistan News: पाकिस्तान बड़े आर्थिक संकट के दौर से गुज़र रहा है. आवाम महंगाई की मार झेल रही है. ऐसे समय में यहां के कट्टर इस्लामिक संगठन अपनी धमकियों से हुकूमत के लिए और परेशानी खड़ी कर रहे हैं.
Hafiz Saad Hussain Rizvi Pakistan: आर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान (Pakistan) में आतंकी संगठनों की गतिविधियों ने मुश्किलें और बढ़ा दी हैं. हाल में तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान ने बड़ा आत्मघाती हमला (Suicide Attack) कराया, उसके बाद अब एक जिहादी संगठन के मुखिया ने पाकिस्तानी हुकूमत को 'एक हाथ में कुरान, तो दूसरे में एटम बम' रखने की सलाह दी है.
'कैबिनेट मंत्री एटम बम का बक्सा लेकर निकलें'
तहरीक-ए-लब्बैक (Tehreek-e-Labbaik) संगठन के मुखिया हाफिज साद हुसैन रिज़वी (Hafiz Saad Hussain Rizvi) ने शहबाज़ शरीफ सरकार से एटम बम की धमकी से दुनिया को डराने के लिए कहा है. साद रिज़वी ने लाहौर में मरकज़ी लब्बैक तहफ्फुज़-ए-कुरान मार्च के दौरान भाषण देते हुए कहा, ‘सरकार दुनिया में राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री, कैबिनेट मंत्री और आर्मी चीफ को भेज कर भीख मांग रही है. हमारे हालात को सुनकर कोई देश मदद करता है तो कोई नहीं करता है..और कोई देश अपनी शर्तें मनवाता है.’ साद ने कहा कि ऐसे मदद नहीं आएगी.
उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान के मंत्री एक हाथ में कुरान और दूसरे हाथ में एटम बम का बक्सा उठाएं, और पूरी कैबिनेट को स्वीडन भेजो, और वहां जाकर कहो कि हम कुरान की हिफाजत के लिए आए हैं, तो पूरी कायनात तुम्हारे कदमों में आ जाएगी.’
अपने इस भाषण में हुसैन रिज़वी ने स्वीडन का नाम लिया, जो कि यूरोपीय देश है. हाल ही में स्वीडन में कुरान जलाने का मामला सामने आया था. जिसके बाद पाकिस्तान में इस्लामिक संगठनों ने व्यापक स्तर पर विरोध-प्रदर्शन किए थे. कई स्थानों पर स्वीडन के झंडों को जलाया गया था.
कौन है हुसैन रिज़वी?
हाफिज़ साद हुसैन रिज़वी पाकिस्तान के कट्टर इस्लामिक संगठन तहरीक-ए-लब्बैक का मुखिया है. वह अभी महज 28 साल का है, लेकिन उसके भाषण ऐसे होते हैं जैसे आग उगल रहा हो. हुसैन रिजवी से पहले भी तहरीक-ए-लब्बैक के कई सरगना रहे हैं. इस संगठन की ओर से यूरोपीय देशों के खिलाफ लंबे समय से धमकियां दी जा रही हैं. जब फ्रांस की एक मैगजीन चार्ली हैब्दो में कथित तौर पर पैगम्बर मोहम्मद का कार्टून छपा था, तो आतंकियों ने चार्ली हैब्दो के ऑफिस पर हमला कर कई पत्रकारों को मौत के घाट उतार दिया था.
वहीं, चार्ली हैब्दो के विरोध में पाकिस्तान में भी बवाल मच गया था. यहां हिंसा में 6 पुलिसवाले मारे गए थे और 800 से ज्यादा लोग ज़ख्मी हुए थे. ऐसे ही हिंसक प्रदर्शनों के कारण अप्रैल 2021 में तत्कालीन इमरान खान सरकार ने तहरीक-ए-लब्बैक संगठन पर प्रतिबंध लगा दिया था. तब ‘तहरीक-ए-लब्बैक’ ने फ्रांस के खिलाफ तीखी बयानबाजी की थी. साथ ही फ्रांस के राजदूत को निकालने की मांग भी की थी.
अब जबकि, पाकिस्तान में आर्थिक हालात दिन ब दिन बिगड़ते जा रहे हैं तो ‘तहरीक-ए-लब्बैक’ की ओर से दुनिया को एटम बम से डराने की सलाह दी जा रही है. इससे वहां की हुकूमत और सेना के लिए मुश्किलें और बढ़ सकती हैं.
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