श्रीलंका के राष्ट्रपति अनुरा कुमारा दिसानायके के भारत दौरे को लेकर पाकिस्तानी एक्सपर्ट कमर चीमा का कहना है कि मालदीव और श्रीलंका ने भारत के साथ ताल्लुक बेहतर कर लिए हैं, लेकिन बांग्लादेश के साथ ये मुमकिन नहीं है क्योंकि मोहम्मद यूनुस सरकार इंडिया को रिलीजियस परस्पेक्टिव पर देखती है. उन्होंने कहा कि श्रीलंका को भारत से फाइनेंशियल मदद चाहिए और भारत भी ये बात जानता है.


कमर चीमा ने कहा कि मालदीव वापस आ गया है श्रीलंका भी इंडिया के साथ पार्टनरशिप और ताल्लुकात को नॉर्मल कर रहा है. चीन और तुर्किए का दौरा करके आने के बाद मालदीव के राष्ट्रपति मोहम्मद मोइज्जू भी नॉर्मल हो गए हैं. उन्होंने कहा कि चाइनीज शायद मोहम्मद मुइज्जू से खुश नहीं हैं, लेकिन शेख हसीना की गैरहाजिरी में बांग्लादेश का जाहिर सी बात है कि इंडिया विश्वास नहीं जीत सकता क्योंकि इस वक्त वहां की सरकार भारत को रिलीजियस लैंड के तौर पर देख रही है. 


कमर चीमा ने कहा कि इस वक्त इंडिया अपनी आउटरीच बढ़ा रहा है. श्रीलंका की लीडरशिप ने एक फैसला लिया है कि उन्हें पहले इंडिया जाना है, वो चीन नहीं गए. वहीं, मालदीव की लीडरशिप ने फैसला किया था कि वह पहले चीन जाएंगे भारत नहीं. उन्होंने कहा कि मोहम्मद मुइज्जू इंडिया तब आए जब उन्होंने चीन से बहुत डील कर लीं और इंडिया को थोड़ा टफ टाइम दिया. उन्होंने कहा कि इस तरह देखा जाए तो श्रीलंकाई राष्ट्रपति का इंडिया आना इस बात की दलील है कि वो ये महसूस करते हैं कि इंडिया हमारे लिए महत्वपूर्ण प्लेयर है और इंडिया से हमें जुड़कर रहने की कोशिश करनी चाहिए.


कमर चीमा ने कहा कि श्रीलंका के इतिहास को देखें तो जो वहां के जो मौजूदा राष्ट्रपति हैं वो प्रो इंडिया नहीं थे, वे मार्क्सवादी थे, लेकिन अब उन्होंने अपन पुराना रुख बदल लिया है. वह इंडिया के हक में कोई लंबी-चौड़ी बातें नहीं करते रहे, न ही इंडिया से इन्हें कोई लंबा-चौड़ा प्यार था. पाक एक्सपर्ट कमर चीमा का मानना है कि एक तो विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर का श्रीलंका को एप्रोच करना, दूसरा श्रीलंका के फॉरेन ऑफिस की ब्यूरोक्रेसी ने अपने राष्ट्रपति को इंफोर्म किया है कि भारत श्रीलंका के लिए कितना इंपोर्टेंट है और भारत ने कैसे हेल्प की है. दुनिया में कोई भी देश श्रीलंका की ऐसे मदद नहीं करेगा जैसे भारत ने की है. तो इस वजह से उन्होंने अपना रुख बदल लिया.


उन्होंने कहा कि श्रीलंका के नए राष्ट्रपति भारत को स्पेस देंगे क्योंकि उनके देश को फाइनेंशियल अससेमेंट चाहिए. भारत भी जानता है कि अगर उसने फाइनेंशियल अससेमेंट न दी तो श्रीलंका कभी भी उनके साथ नहीं आएगा. कमर चीमा ने कहा कि उनका ख्याल है कि पहले उनकी भारत को लेकर जो सोच थी कि टफ टाइम देना है उससे वह अब निकल आए हैं.


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