Pakistan On Yogi Adityanath: पाकिस्तान से सिंध वापस क्यों नहीं ले सकते... योगी आदित्यनाथ के बयान पर पाकिस्तानी सरकार आगबबूला, उगला जहर
Pakistan: उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में राष्ट्रीय सिंधी सम्मेलन में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए सिंध क्षेत्र को लेने की बात की थी.
Pakistan On Yogi Adityanath: पाकिस्तान ने सोमवार (9 अक्टूबर) को उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सिंध को वापस लेने पर की गई टिप्पणी को गैर-जिम्मेदाराना बताया. उन्होंने कहा कि ऐसे बयान संशोधनवादी और विस्तारवादी मानसिकता को प्रकट करते हैं. आपको बता दें कि उत्तर प्रदेश के सीएम योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि अगर राम जन्मभूमि 500 साल बाद बाबरी मस्जिद का स्थान ले सकता है तो हम सिंधु को भी वापस ले सकते हैं.
पाकिस्तान ने सीएम योगी आदित्यनाथ के बयान को अखंड भारत के दावे से प्रेरित बताया. पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने एक बयान में कहा कि सीएम योगी आदित्यनाथ ने उस हिस्से को हासिल करने की बात की है, जो पाकिस्तान का हिस्सा है.
पाकिस्तान पर निशाना साधा
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने लखनऊ में राष्ट्रीय सिंधी सम्मेलन में पाकिस्तान पर निशाना साधते हुए सिंध क्षेत्र को लेने की बात की थी. उन्होंने इसके लिए राम जन्म भूमि को वापस लेने को लेकर उदाहरण दिया था. आपको बता दें कि 500 वर्षों के बाद अयोध्या में भगवान राम का भव्य मंदिर बनाया जा रहा है. अगले साल जनवरी में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी रामलला को पुनः विराजमान करेंगे.
भारत के हक में फैसला
पाकिस्तान ने अयोध्या के राम जन्म भूमि पर कहा कि 1992 में इसे हिंदुओं ने ध्वस्त कर दिया. इस विध्वंस के कारण पूरे देश में दंगे भड़क उठे. इसमें हजारों की संख्या में लोग मारे गए. आपको बता दें कि हिंदुओं के लिए भगवान राम बहुत पूजनीय है.
उनका जन्म 7000 साल पहले अयोध्या में हुआ था, लेकिन 16 वीं शताब्दी में उनके जन्म स्थान के शीर्ष पर एक मस्जिद का निर्माण किया गया था. भारत की शीर्ष अदालत ने दशकों तक चली कानूनी लड़ाई के बाद इस जगह राम मंदिर बनाने के लिए हिंदुओं को दे दी.
मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा
पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने कहा कि वर्चस्ववादी और विस्तारवादी महत्वाकांक्षाओं को पोषित करने के बजाय, भारतीय नेताओं को पड़ोसी देशों के साथ विवादों को सुलझाना चाहिए और एक शांतिपूर्ण और समृद्ध दक्षिण एशिया के निर्माण के लिए उनके साथ काम करना चाहिए.
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