इस्लामाबाद: ताज़ा जानकारी से साफ है साल की शुरुआत में पाकिस्तान पर किया गया अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का आर्थिक और कूटनीतिक हमला तेज़ी से असर दिखा रहा है. अपने एक ताज़ा बयान में पाकिस्तानी पीएम शाहिद खक्कान अब्बासी ने कहा है कि वे 26/11 मुंबई हमलों के मास्टरमाइंड आतंकी हाफ़िज सईद को मिलने वाली चैरिटी को जब्त कर लेंगे.


59 साल के अब्बासी ने अपने बयान में कहा, "हां, सरकार उन लोगों मिलने वाले चंदे को जब्त कर लेगी जिन्हें इस आधार (राजनीतिक फंडिंग) पर चंदा उगाही करने का अधिकार नहीं है." वे आगे कहते हैं, "इस मामले में पाकिस्तान में सब एक साथ है, हमें सबका समर्थन हासिल है और यूएन ने जो भी पाबंदियां लगाई हैं उन्हें लागू करने के लिए सभी प्रतिबद्ध हैं."


जब उनसे पूछा गया कि ये कब तक हो पाएगा तब उन्होंने कोई डेडलाइन देने से मना कर दिया. हां, उन्होंने ये ज़रूर कहा कि Financial Action Task Force के गठन के बाद पाकिस्तान ने आतंकी फंडिंग पर लगाम लगाने में सफलता हासिल की है. उन्होंने ये भी कहा कि उनकी सरकार ने इसके लिए प्लान बना लिया है कि कैसे हाफ़िज सईद को मिलने वाली फंडिंग पर शिकंजा कसा जाए.


आपको बता दें कि आतंकी संगठन जमात-उद-दावा के सरगना हाफिज ने पाकिस्तानी राजनीति में कदम रखने की कोशिश की. इसके लिए उसने फतह-ए-इंसानियत के नाम से राजनीतिक पार्टी भी बनाई जिसे पाकिस्तानी के एक तबके ने जमकर आर्थिक समर्थन दिया. वहीं आपको ये भी बता दें कि अमेरिका और अंतराष्ट्रीय संगठनों के दबाव के बाद पाकिस्तान ने एक सीक्रेट प्लान बनाया है. इस प्लान के तहत आतंकी हाफिज और बाकी के आतंकियों की फंडिंग पर लगाम लगाने की तैयारी है.


साफ दिख रहा है भारत की कूटनीति और अमेरिके के दबाव का असर


आपको याद होगा कि साल के पहले ट्वीट में पाकिस्तान पर करारा हमला बोलते हुए अमेरिका राष्ट्रपति ट्रंप ट्रंप ने कहा था, ‘’अमेरिका ने मूर्खतापूर्ण ढंग से पिछले 15 साल में पाकिस्तान को 33 अरब डॉलर (करीब 2 लाख करोड़ रुपए) से ज्यादा की मदद दी है. बदले में उन्होंने (पाकिस्तान ने) हमें झूठ और छल के अलावा कुछ नहीं दिया. हमारे नेताओं को मूर्ख समझा. जिन आतंकियों को हम अफगानिस्तान में ढूंढ रहे थे, उन्हें पाकिस्तान ने अपने यहां छिपा लिया और शरण दी. पाकिस्तान ने कुछ नहीं किया. बस! ये सब अब और नहीं चलेगा.’’


पहली जवनरी को आए ट्रंप के इस ट्वीट के बाद अमेरिका ने पाकिस्तान को दी जाने वाली 255 मिलियन डॉलर (16,232,025,000.00 रुपए) की सहायता राशि पर भी रोक लगा दी. अमेरिका के इस कदम के पीछे भारत का पुरज़ोर कूटनीति दवाब भी एक बड़ी वजह रही. साफ है कि चारों तरफ से घिरने के बाद पाकिस्तान के पास आतंकियों की कमर तोड़ने के अलावा कोई विकल्प नहीं बचा है.