पाकिस्तान ने लद्दाख के द्रास में शुक्रवार को एक कार्यक्रम के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की टिप्पणियों को ‘बयानबाजी’ करार देते हुए खारिज कर दिया और कहा कि इससे कश्मीरी लोगों को दबाने के भारत के प्रयासों से अंतरराष्ट्रीय ध्यान नहीं हटा सकता.


भारत ने शुक्रवार को 25वां करगिल विजय दिवस मनाया और देश की रक्षा के लिए प्राणों की आहुति देने वाले सैनिकों की वीर गाथा को याद किया. इस अवसर पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने पाकिस्तान को एक कड़ा संदेश देते हुए कहा कि वह आतंकवाद और छद्म युद्ध का उपयोग करके प्रासंगिक बने रहने की कोशिश कर रहा है लेकिन दुश्मन के नापाक मंसूबों को कामयाब नहीं होने दिया जाएगा.


पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने एक बयान में कहा, ‘‘भारतीय नेताओं के बयानबाजी से कश्मीरी लोगों के मौलिक अधिकारों और स्वतंत्रता की प्राप्ति के लिए किए जा रहे संघर्ष को दबाने के भारत के कठोर रवैये से अंतरराष्ट्रीय ध्यान नहीं हट सकता.''

पाकिस्तान के विदेश कार्यालय ने एक बयान में कहा, "बहसबाजी और अंधराष्ट्रवाद क्षेत्रीय शांति को कमजोर करता है और पाकिस्तान और भारत के बीच लंबे समय से चले आ रहे विवादों खासकर जम्मू-कश्मीर के मुख्य विवाद के समाधान के लिए पूरी तरह से विपरीत है.''


करगिल विजय दिवस 1999 के युद्ध में पाकिस्तान पर भारत की जीत के लिए हर साल 26 जुलाई को मनाया जाता है. भारतीय सेना ने करगिल की महत्वपूर्ण पर्वत चोटियों पर कब्जा करने वाले पाकिस्तानी सैनिकों को खदेड़ने के लिए भीषण जवाबी कार्रवाई की थी.


भारत हमेशा कहता रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है. साथ ही इस बात पर भी जोर देता है कि दोनों देशों के बीच अच्छे रिश्तों के लिए आतंक और शत्रुता से मुक्त वातावरण बनाने की जिम्मेदारी पाकिस्तान पर है. साथ ही भारत ने हर बार यह भी साफ किया है कि केंद्र शासित प्रदेश जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत के अभिन्न और अविभाज्य अंग रहे हैं और हमेशा रहेंगे. उधर, पाकिस्तान अपनी हरकतों से बाज नहीं आ रहा है, वह लगातार जम्मू कश्मीर में अशांति फैलाने की कोशिश करता रहा है.