Pakistan Terrorism Attack: दक्षिण एशिया में सबसे ज्यादा आतंकवादी हमलों और मौत के मामले में पाकिस्तान अफगानिस्तान से आगे निकल गया है. ये दावा ऑस्ट्रेलिया स्थित इंस्टीट्यूट फॉर इकोनॉमिक्स एंड पीस (Institute for Economics and Peace) की ओर से जारी ईयरली ग्लोबल टेररिज्म इंडेक्स सूचकांक (GTI) रिपोर्ट में किया गया है.
पिछले साल दुनिया भर में पाकिस्तान (Pakistan) में आतंकवाद से संबंधित मौतों में दूसरा सबसे बड़ा उछाल दर्ज किया गया है. अन्य सालों के मुकाबले पाकिस्तान में आतंकवाद से होने वाले मौतों की संख्या बढ़कर 643 हो चुकी है.
BLA सबसे ज्यादा मौतों के लिए जिम्मेदार
रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान में मौतों की संख्या में पिछले दशक से साल-दर-साल बड़ी बढ़ोतरी दर्ज की गई है. ये मामले में भी सबसे आगे है. वहीं आतंकवाद से संबंधित पीड़ितों में से कम से कम 55 फीसदी सैन्यकर्मी शामिल थे. रिपोर्ट में कहा गया है कि घातक घटनाओं में तेज उछाल के कारण यह इंडेक्स में चार पायदान चढ़कर छठे स्थान पर पहुंच गया है.
पाकिस्तान में आतंकवाद की वजह से हुई मौतों की 36 फीसदी मामलों की जिम्मेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने लिया है, जो पिछले साल की तुलना में नौ गुना अधिक है. रिपोर्ट के मुताबिक बीएलए ने तहरीक-ए-तालिबान पाकिस्तान (TTP) को पीछे छोड़ दिया है, जिसे पाकिस्तान तालिबान के नाम से भी जाना जाता है.
TTP पाकिस्तान में सबसे घातक आतंकी समूह है. BLA के तरफ से किए गए आतंकवादी हमलों में मारे गए लोगों की संख्या में जबरदस्त बढ़ोतरी देखने को मिली है. पिछले साल BLA के हमले में 7.7 लोग मारे गए है, वहीं उसे एक साल पहले ये संख्या मात्र 1.5 थी. सबसे ज्यादा चौंकाने वाली बात ये है कि BLA से जुड़ी 233 मौतों में 95 फीसदी सैन्यकर्मी थे.
पाकिस्तान में आतंकी संगठन का खौफ
लूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) अफगानिस्तान और ईरान की सीमा से लगे बलूचिस्तान प्रांत की आजादी के लिए लड़ने का दावा कर रहा है. पाकिस्तान, अमेरिका और यूके ने BLA और TTP दोनों को आतंकवादी संगठन के रूप में घोषित किया है. पिछले साल फरवरी में पाकिस्तान में फ्रंटियर कोर के लिए दो अलग-अलग सुरक्षा चौकियों पर बमबारी और गोलियां चलाई गई.
इस हमले के पीछे भी BLA को जिम्मेदार ठहराया गया. न्होंने दोनों हमलों में 195 सैनिकों को मार डाला था. वहीं दूसरी ओर TTP पाकिस्तानी सुरक्षा बलों के खिलाफ आतंकवादी हमले कर रहा है ताकि अफगानिस्तान में कट्टरपंथी तालिबान की तरह एक इस्लामिक शरिया-अनुपालन राज्य की स्थापना की जा सके. हाल के दिनों में पाकिस्तान में BLA और TTP जैसे आतंकवादी संगठनों का खौफ है.
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