इस्लामाबाद: पाकिस्तान के पूर्व चीफ जस्टिस नासिर उल मुल्क को देश का कार्यवाहक पीएम नॉमिनेट किया गया है. 25 जुलाई को होने वाले आम चुनाव के बाद नयी सरकार चुने जाने तक वो देश के कार्यवाहक प्रधानमंत्री होंगे. इस घोषणा के साथ ही आम चुनावों के मद्देनजर देश की सरकार चला रही पीएमएल-एन और विपक्ष के बीच चल रही खींचतान खत्म हो गई.
विपक्ष के नेता खुर्शीद शाह ने मुल्क के नाम की घोषणा की. इस दौरान प्रधानमंत्री शाहिद खाकान अब्बासी और नेशनल असेंबली के स्पीकर अय्याज सादिक भी मौजूद थे. 67 साल के मुल्क को एक जून को शपथ दिलाए जाने की उम्मीद है. मौजूदा सरकार का कार्यकाल 31 मई को खत्म हो रहा है और कार्यवाहक सरकार नयी सरकार के चुने जाने तक कामकाज देखेगी.
छह बैठकों के बाद बनी मुल्क के नाम पर सहमति
कार्यवाहक सरकार कोई भी बड़ा फैसला नहीं करेगी. शाह ने उम्मीद जताई कि मुल्क 25 जुलाई को पाकिस्तान में स्वतंत्र, निष्पक्ष और बगैर पक्षपात के सफलतापूर्वक चुनाव कराएंगे. यह घोषणा पीएमएल-एन और विपक्ष के बीच कार्यवाहक प्रधानमंत्री के नाम को लेकर लंबे समय से गतिरोध के बाद की गई. इस पद के लिए नाम पर सहमति बनाने के लिए सरकार और विपक्ष के बीच छह बैठकें हुई.
अब्बासी ने शाह को अंतरिम प्रधानमंत्री के नाम की घोषणा करने को कहा. अब्बासी ने कहा कि जिस उम्मीदवार के नाम पर सहमति बनी है उनपर कोई ‘आपत्ति नहीं जताएगा.’ अब्बासी ने कहा, ‘‘कार्यवाहक प्रधानमंत्री के तौर पर उनकी (मुल्क) भूमिका देश और लोकतांत्रिक प्रक्रिया के पक्ष में होगी.’’ मुल्क के नाम का एलान करते हुए शाह ने कहा कि नेशनल असेंबली के स्पीकर ने दोनों दलों के एक समझौते पर पहुंचने में अहम भूमिका निभाई.
पीपीपी के वरिष्ठ नेता ने कहा, ‘‘हमने एक लोकतांत्रिक फैसला किया. मैं प्रधानमंत्री, स्पीकर का शुक्रगुजार हूं कि उन्होंने धैर्य के साथ, भावनाओं को परे रखकर फैसला किया. जिस व्यक्ति का नाम मैं लेना चाहता हूं वह बहुत सम्मानीय हैं.’’ उन्होंने कहा, ‘‘वो नाम है चीफ जस्टिस रहे नासिर उल मुल्क. उन्होंने न्यायपालिका में जस्टिस और उसके पहले एक वकील के तौर पर उन्होंने ऐतिहासिक भूमिकाएं निभाई हैं.’’
दूसरे ऐतिहासिक चुनाव की ओर पाकिस्तान
पाकिस्तान में कार्यवाहक प्रधानमंत्री का काम संसद भंग होने और नई सरकार के शपथ ग्रहण करने के बीच के समय में देश चलाने का होता है. मुल्क का जन्म 17 अगस्त 1950 को खैबर पख्तूनख्वा प्रांत के स्वात के मिंगोरा में हुआ था. उन्होंने एक वकील के तौर पर भी काम किया और साल 2014 में पाकिस्तान के 22वें चीफ जस्टिस बनने से पहले काफी सालों तक वो न्यायाधीश रहे हैं.
राष्ट्रपति ममनून हुसैन ने आम और प्रांतीय चुनावों के लिए 25 जुलाई की तारीख को मंजूरी दी. क्रिकेटर से नेता बने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ आम चुनावों में सत्तारूढ़ पार्टी के लिए मुख्य चुनौती हो सकती है. 70 सालों के इतिहास में पाकिस्तान में साल 2013 में पहली बार लोकतांत्रिक तरीके से सत्ता हस्तांतरण हुआ था. तब आम चुनावों में जीत हासिल करने के बाद पीएमएल-एन ने पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी से सत्ता हासिल की.