पाकिस्तान का हाल बेहाल, रुपया भी नहीं दे रहा साथ, डॉलर के मुकाबले 262.6 पर पहुंचा
Pakistani Rupee Against Dollar: पाकिस्तान किन हालातों से गुजर रहा है इस बात का पता सभी को है. अब पाकिस्तान का गिरता रुपया कोढ़ में खाज का काम कर रहा है. रुपया गिरने का सिलसिला लगातार जारी है.
Pakistan Currency: पाकिस्तान में आर्थिक संकट अपने चरम स्तर पर पहुंच गया है. आर्थिक संकट से जूझ रहे पाकिस्तान के लिए हर दिन एक नई मुसीबत लेकर आ रहा है. इसी क्रम में डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी रुपया लगातार गिर रहा है. संकट में फंसे पाकिस्तान को उसके रुपये का भी साथ नहीं मिल रहा है. अब पाकिस्तानी रुपये ने डॉलर के मुकाबले अपना पिछले 75 साल का सबसे निचला स्तर भी छू लिया है.
कारोबार के दौरान एक समय मुद्रा खुले बाजार में 265 रुपये और अंतरबैंक विदेशी मुद्रा विनिमय बाजार में 266 रुपये तक गिर गई थी. स्टेट बैंक ऑफ पाकिस्तान के अनुसार, शुक्रवार को जब बाजार खुला तो गुरुवार के बंद भाव से करेंसी में 7.17 रुपये यानी 2.73 प्रतिशत की गिरावट आई.
दरअसल, अमेरिकी डॉलर के मुकाबले पाकिस्तानी करेंसी में शुक्रवार को जबरदस्त गिरावट आई है. अमेरिकी करेंसी के मुकाबले ये 262.6 रुपये पर पहुंच गया. गुरुवार को पाकिस्तानी रुपये में करीब 9.67 फीसदी की गिरावट आई और उसके बाद रुपये का भाव 1 डॉलर के बदले 255.43 पाकिस्तानी रुपये पहुंच गया था. पाकिस्तानी सरकार का सिरदर्द इसलिए बढ़ गया है क्योंकि पाकिस्तानी रुपये के इस रिकॉर्ड गिरावट पर भी थमने के आसार नहीं दिख रहे हैं और अब ये आंकड़ा 262.6 रुपये पर पहुंच गया है.
लगातार गिर रहा पाकिस्तानी रुपया
पाकिस्तानी रुपया बुधवार को 230 रुपये प्रति डॉलर पर बंद हुआ था. गुरुवार को बाजार खुलने के कुछ ही घंटों के अंदर यह और गिरते हुए 255 रुपये तक पहुंच गया. पाकिस्तान कर्ज लौटाने को लेकर चूक से बचने के लिए 6 अरब डॉलर के राहत पैकेज में से 1.1 अरब डॉलर की महत्वपूर्ण किस्त चाहता है. राहत पैकेज जारी करने के लिए पाकिस्तान, मुद्राकोष से बात कर रहा है.
सबसे खराब हालात से गुजर रहा पाकिस्तान
विश्लेषक अहसान रसूल का कहना है कि रुपये में गिरावट इस बात का संकेत है कि पाकिस्तान इस समय बहुत जरूरी कर्ज आईएमएफ से प्राप्त करने के बहुत करीब है. कुछ दिन पहले ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने कहा था कि उनकी सरकार पिछले कुछ महीनों से रुके छह अरब डॉलर के राहत पैकेज को बहाल कराने के लिए आईएमएफ की कठिन शर्तो को मानने के लिए तैयार है. पाकिस्तान विदेशी मुद्रा भंडार में कमी के बीच सबसे बुरे आर्थिक हालात से गुजर रहा है.
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