Pakistan Import Russian Oil: दिवालिया होने की कगार पर पहुंचे पाकिस्‍तान (Pakistan) ने अब भारत की तरह रूस (Russia) से सस्‍ता कच्‍चा तेल मंगाना शुरू कर दिया है. ये रूसी तेल उसे चीन (China) के कहने पर मिल रहा है. और, पाकिस्‍तानी पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक ने बताया कि तेल की खरीद चाइनीज करंसी में हुई है. अब सवाल उठता है कि पाकिस्‍तान ने रूस से तेल खरीदने के लिए चीन की करंसी 'युआन' क्‍यों इस्‍तेमाल की. 


पाकिस्‍तान की शहबाज सरकार का दावा है कि वे रूस से जो तेल खरीद रहे हैं उससे उनके मुल्‍क में आसमान छूती तेल की कीमतों में गिरावट आएगी, लेकिन विशेषज्ञ इससे सहमत होते नहीं दिख रहे हैं. एक इसकी वजह अमेरिकी डॉलर के वर्चस्व वाली एक्‍सपोर्ट पेमेंट पॉलिसी में हुआ महत्वपूर्ण बदलाव है. दरअसल, पाकिस्‍तान के विदेशी मुद्रा भंडार में डॉलर पर्याप्‍त नहीं बचे हैं, वहां की सेंट्रल बैंक द्वारा रखा गया विदेशी मुद्रा भंडार मुश्किल से 4 सप्ताह के नियंत्रित आयात को कवर करने लायक बचा है. ऐसे में सस्‍ते रूसी कच्चे तेल के अपने पहले गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट इंपोर्ट के लिए पाकिस्तान ने चीनी करंसी में भुगतान किया. 




इस साल की शुरुआत में हुई थी डील
रॉयटर्स की रिपोर्ट में बताया गया कि इस साल की शुरुआत में इस्लामाबाद और मास्को के बीच हुए एक नए सौदे के तहत रूस से डिस्‍काउंट के तहत मिले कच्चे तेल की पहली खेप रविवार, 11 जून को कराची पहुंची. फिलहाल उसे कराची के बंदरगाह पर उतारा जा रहा है. अभी पेट्रोलियम मंत्री मुसादिक मलिक ने कीमत या पाकिस्तान को मिलने वाली छूट सहित सौदे के विवरण का खुलासा नहीं किया, लेकिन ये जरूर बताया है कि रूस को भुगतान चाइनीज करंसी में किया गया था.


इस डील से रूस को हो रहा फायदा
मुसादिक मलिक ने कहा कि रूस के साथ पाकिस्तान की पहली गवर्नमेंट-टू-गवर्नमेंट डील में 100,000 टन तेल की खरीद शामिल है, जिसमें से 45,000 टन तेल समुद्री जहाज से कराची बंदरगाह पर पहुंच चुका है. पाकिस्तान ने इस तेल की खरीद को अप्रैल में हामी भरी थी. और, ये खरीद मास्को को भारत और चीन की बढ़ती बिक्री में जोड़ने के लिए एक नया आउटलेट देती है, क्योंकि यह यूक्रेन युद्ध के चलते पश्चिमी देशों के प्रतिबंध से राहत देती है. 


यह भी पढ़ें: Pakistan Russian Oil: पाकिस्तान के लिए नया सिरदर्द बन जाएगा रूस का 'सस्‍ता' तेल, जानें वजह