Pakistan Russia Rice Deal: रूस से सस्ता कच्चा तेल मिलने के साथ ही पाकिस्तान आर्थिक संकट (Pakistan Economic Crisis) से उबरने का अपना रास्ता साफ होते देख रहा है. पाकिस्तानी हुकूमत तेल की डील को ऐतिहासिक बता रही है, वहां के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz sharif) का कहना है कि अब रूस (Russia) और पाकिस्तान के संबंध मजबूत होंगे. दोनों देशों में आपसी भरोसा बढ़ रहा है, उनके बीच व्यापारिक आदान-प्रदान भी बढ़ेगा.' पाकिस्तानी खाद्य मंत्रालय ने रूस को अपना चावल निर्यात करने की तैयारी कर ली है.
पाकिस्तानी अखबार डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, रूसी कंपनियां अब पाकिस्तान से चावल खरीदेंगी. चालू वित्तीय वर्ष में पाकिस्तान के चावल के निर्यात में गिरावट के बीच, रूस को निर्यात के लिए 15 और चावल प्रतिष्ठानों के रजिस्ट्रेशन के साथ आशा की एक किरण उभरी है. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा और अनुसंधान मंत्रालय के प्लांट प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट (DPP) ने एक तकनीकी ऑडिट के बाद इन प्रतिष्ठानों की सिफारिश रशियन फेडरल सर्विस (Rosselkhoznadzor) से की है.
'रूस को चावल का निर्यात अर्थव्यवस्था को बढ़ावा'
पाकिस्तान के खाद्य मंत्रालय ने एक बयान में कहा, "यह निर्यात और देश की समग्र अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने की दिशा में एक बड़ी सफलता है." वहीं, ये बयान आने से पहले पाकिस्ताान के प्लांट प्रोटेक्शन डिपार्टमेंट (DPP) ने राइस एक्सपोर्टर्स एसोसिएशन ऑफ पाकिस्तान (आरईएपी) के सहयोग से चावल के निर्यात के लिए सैनिटरी और फाइटोसैनिटरी (एसपीएस) से जुड़े रूस के गाइडेंस डॉक्यूमेंट के मुताबिक 15 और मिलों को अपग्रेड करने के लिए जरूरी कदम उठाए.
प्रतिबंध के बाद रूस ने केवल 4 मिलों को दी अनुमति
बता दें कि चावल में कीड़े मिलने (Pest Interception) के कारण रूस ने पाकिस्तान से आयात प्रतिबंधित कर दिया था. हालांकि, 2021 में प्रतिबंध हटा लिया गया और केवल उन चार मिलों को अनुमति दी, जिन्होंने गुणवत्ता मानकों का पालन किया था. बताया जा रहा है कि अब आर्थिक बदहाली का शिकार पाकिस्तान रूस से संबंधों में प्रगति देने के लिए, उसके साथ व्यापार बढ़ाने की कोशिश कर रहा है. इसी कोशिश के तहत चावल की गुणवत्ता और मात्रा में सुधार पर जोर दिया जा रहा है, जिसे रूस को निर्यात किया जाना है.
रूस को चावल निर्यात कर सकती हैं 19 कंपनियां
रिपोर्ट के मुताबिक, अब पाकिस्तान की 19 चावल कंपनियां रूस को चावल निर्यात कर सकती हैं. यह कदम चावल के किसानों के लिए अच्छी खबर है, खासकर पंजाब और सिंध में, क्योंकि उनकी कमाई का मुख्य स्रोत इन निर्यातों पर आधारित है. इसके अलावा, पाकिस्तान एक कृषि अर्थव्यवस्था होने के नाते वैश्विक बाजारों के अनुसार गुणवत्ता मानकों में सुधार करके अन्य डोमेन में निर्यात बढ़ाने की भी सोच रहा है. यह समझौता अंतरराष्ट्रीय बाजारों में चावल के और निर्यात के लिए पाकिस्तान के लिए काफी अहम माना जा रहा है.
अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में भी होगी ब्रिकी?
पाकिस्तान रूस के अलावा एशियाई देशों, यूरोप के देशों, अमेरिका और ऑस्ट्रेलिया के बाजारों में प्रमुख हिस्सेदारी हासिल करने के लिए उच्चकोटि के चावल की किस्में उगाएगा. पाकिस्तान का बासमती चावल, विदेशों में निर्यात के लिए बढि़या बताया जाता रहा है. उसने पिछले वित्तीय वर्ष 695,564 टन चावल निर्यात किया था.