Pakistan Ahmadi Mosque: पाकिस्तान में पुलिस ने ही अहमदी मुसलमानों की मस्जिद की मीनारें गिराई, कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के आदेश पर किया काम
TLP नेता असीम अशफाक रिजवी ने धमकी दी थी कि कट्टरपंथी इस्लामवादी लोग अहमदी पूजा स्थलों की ओर मार्च करेंगे और उन्हें नष्ट कर देंगे.
Pakistan Ahmadi Mosque: पाकिस्तान के पंजाब प्रांत में कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी TLP के तरफ से मिली हमले की धमकी के बाद पंजाब पुलिस ने अल्पसंख्यक अहमदी समुदाय की मस्जिद के मीनारों को ध्वस्त कर दिया. तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (TLP) ने शुक्रवार (14 जुलाई) को पुलिस को मस्जिद को ध्वस्त करने को कहा.
तहरीक-ए-लब्बैक ने चेतावनी देते हुए कहा कि वो लाहौर से लगभग 225 किलोमीटर दूर पंजाब के जेहलम जिले में अहमदियों के पूजा स्थल की मीनारों को ध्वस्त कर दे, अन्यथा वह उस पर हमला कर देगी. पंजाब सरकार के एक अधिकारी ने शनिवार को पीटीआई-भाषा को यह जानकारी दी.
पुलिस ने पूजा स्थल की मीनारों को ध्वस्त किया
पुलिस ने काला गुजरान इलाके के अहमदी नेताओं को बुलाया और उनसे अपने पूजा स्थल की मीनारों को ध्वस्त करने के लिए कहा क्योंकि कानूनी रूप से उनका निर्माण वैध नहीं था. उन्होंने बताया कि शुक्रवार की रात पुलिस की एक टीम ने अहमदी के पूजा स्थल पर छापा मारा और उसे ध्वस्त कर दिया. पाकिस्तान पंजाब के अधिकारी अमीर महमूद ने पीटीआई को बताया कि TLP नेता असीम अशफाक रिजवी के तरफ से जेहलम में अहमदी पूजा स्थलों के खिलाफ अभियान शुरू किया गया था.
Last night Police demolished the Minarets of an Ahmadi Mosque in Kala Gujran Jhelum, yielding to the pressure by extremist.
— Mona Farooq Ahmad (@MonaChaudhryy) July 15, 2023
Pakistan is on a spree of desecrating Ahmadi Mosques almost every other day since the start of this year. @CMShehbaz isn't this also a lamha e fikriya? pic.twitter.com/wxG2BdQWys
पंजाब के अधिकारी अमीर महमूद ने कहा कि रिज़वी ने विभिन्न सार्वजनिक बैठकों में धमकी दी थी कि अगर पुलिस ने 10वीं मुहर्रम (जुलाई के अंत) तक जेहलम में अहमदी स्थानों को नष्ट नहीं किया तो वे उन पर हमला करेंगे.
TLP नेता असीम अशफाक रिजवी ने धमकी दी
TLP नेता असीम अशफाक रिजवी ने धमकी दी थी कि कट्टरपंथी इस्लामवादी लोग अहमदी पूजा स्थलों की ओर मार्च करेंगे और उन्हें नष्ट कर देंगे. पाकिस्तान पंजाब के अधिकारी अमीर महमूद ने कहा, "अहमदियों की रक्षा करने के बजाय पुलिस ने नफरत फैलाने वालों और चरमपंथी तत्वों को खुश करने के लिए अहमदियों के पूजा स्थल की मीनारों को गिरा दिया. यह स्थिति दुर्भाग्यपूर्ण है और अहमदी समुदाय के अधिकारों का स्पष्ट उल्लंघन है."
उन्होंने कहा कि 2014 में पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश तसद्दुक हुसैन जिलानी की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने अल्पसंख्यकों के पूजा स्थलों की सुरक्षा के लिए एक विशेष पुलिस बल के गठन का आदेश दिया था.