पाकिस्तान में राजनीतिक गतिरोध अब देश के लिए मुश्किल बनता जा रहा है. आईएमएफ ने सियासी हालात को देखते हुए पाकिस्तान के लिए ऋण कार्यक्रम को स्थगित कर दिया है. बता दें प्रधानमंत्री इमरान खान ने रविवार को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी को नेशनल असेंबली (संसद) को भंग करने की सलाह दी है और नए सिरे से चुनाव कराने की मांग की सिफारिश की. राष्ट्र के नाम एक संक्षिप्त संबोधन में खान ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रपति अल्वी को ‘असेंबलीज़’ को भंग करने की सलाह दी है.
इमरान की घोषणा से कुछ मिनट पहले ही नेशनल असेंबली के डिप्टी स्पीकर कासिम खान सूरी ने रविवार को खान के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव को संविधान के अनुच्छेद पांच के खिलाफ बताते हुए खारिज कर दिया.
सुप्रीम कोर्ट कर रहा है मामले पर सुनवाई
इस सारे मामले पर सुप्रीम कोर्ट ने स्वतः संज्ञान लिया है. पाकिस्तान उच्चतम न्यायालय ने सोमवार को नेशनल असेंबली के उपाध्यक्ष द्वारा अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करने और उसके बाद संसद को भंग करने के मामले में सुनवाई एक दिन के लिए स्थगित कर दी. मामले की सुनवाई मंगलवार की दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.
इमरान पद पर बने रहेंगे
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने सोमवार को एक अधिसूचना जारी कर कहा कि इमरान खान कार्यवाहक प्रधानमंत्री की नियुक्ति होने तक मुल्क के प्रधानमंत्री पद पर बने रहेंगे. इससे पहले, कैबिनेट सचिवालय ने एक अधिसूचना जारी कर कहा था कि खान ‘‘तत्काल प्रभाव से पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पद छोड़ते हैं.’’
हालांकि, संविधान के अनुच्छेद 94 के तहत राष्ट्रपति ‘‘अपने उत्तराधिकारी के प्रधानमंत्री का पदभार संभालने तक निवर्तमान प्रधानमंत्री को पद पर बने रहने के लिए कह सकते हैं.’’
पीटीआई ने खोया बहुमत
इमरान खान 2018 में 'नया पाकिस्तान' बनाने के वादे के साथ सत्ता में आए थे और अब अपने राजनीतिक करियर के नाजुक मोड़ पर हैं क्योंकि उनकी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी ने बहुमत खो दिया है. उनकी दो सहयोगी पार्टियों ने भी सरकार से समर्थन वापस ले लिया और विपक्ष के खेमे से हाथ मिला लिया है.
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