पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने अमेरिकी पत्रकार डेनियल पर्ल हत्याकांड के अभियुक्त को रिहा करने के आदेश को निलंबित करने के सरकार के अनुरोध को खारिज कर दिया. पाकिस्तानी सरकार की तरफ से अमेरिकी फटकार के बाद सुप्रीम कोर्ट में अलकायदा के आतंकी और उनके तीन साथियों अहमद उमर शेख, फहद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की थी.


सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई के दौरान सोमवार को पाकिस्तान के अटॉरनी जनरल की ओर से पर्ल हत्याकांड के अभियुक्तों को रिहा करने के सिंध हाईकोर्ट की तरफ से दिए गए फैसले को लेकर अनुरोध किया था. पाकिस्तान की सरकार से पहले सिंध प्रांत की सरकार ने मुख्य आरोपी अहमद उमर शेख समेत चारों आतंकियों को रिहा करने के फैसले पर पुनर्विचार याचिका दाखिल की थी. लेकिन, पाकिस्तानी सुप्रीम कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया था.


इसके बाद संयुक्त राष्ट्र और अमेरिकी दबाव के चलते पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल ने शनिवार को ऐलान किया था कि पाकिस्तान सरकार सुप्रीम कोर्ट के पक्ष बनकर 28 जनवरी के फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील करेगा.


सुप्रीम कोर्ट  कोर्ट ने पर्ल के अपहरण और हत्या में शामिल होने के लिए आजीवन कारावास की सजा काट रहे तीन अन्य को भी रिहा करने का आदेश दिया. सिंध उच्च न्यायालय की दो न्यायाधीशों वाली एक पीठ ने अप्रैल, 2020 में उमर शेख की मौत की सजा को पलट दिया था और उसे सात साल कारावास की सजा सुनाई थी और तीन अन्य आरोपियों फहाद नसीम, शेख आदिल और सलमान साकिब को बरी कर दिया था.


गौरतलब है कि साल 2002 में कराची में ‘द वॉल स्ट्रीट जर्नल’ के दक्षिण एशिया ब्यूरो प्रमुख पर्ल (38) का उस समय अपहरण कर लिया गया था, जब वह पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई और अलकायदा के बीच संबंधों पर एक खबर के लिए जानकारी जुटा रहे थे. इसके बाद सिर कलम करके उनकी हत्या कर दी गई थी. शेख और उसके तीन सहयोगियों को इस मामले में दोषी ठहराया गया था और सजा सुनाई गई थी.


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