Pakistan-US Relations: पिछले साल अमेरिका में पाकिस्तान के तत्कालीन राजदूत और अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारियों के बीच एक बैठक हुई थी. इस बैठक से जुड़े डिटेल सीक्रेट डॉक्यूमेंट की प्रमाणिकता को लेकर एक बड़ा विवाद खड़ा हो गया है, क्योंकि अमेरिकी मीडिया संस्थान द इंटरसेप्ट ने पाकिस्तानी सरकारी दस्तावेज का हवाला दिया था.


अमेरिकी मीडिया संस्थान द इंटरसेप्ट ने ये दावा किया था कि 7 मार्च 2022 को एक बैठक में अमेरिकी विदेश विभाग ने रूस और यूक्रेन युद्ध पर अपनी निष्पक्षता के लिए इमरान खान को प्रधानमंत्री पद से हटाने के लिए पाकिस्तान सरकार को प्रोत्साहित किया था.  


पीटीआई रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने राजनयिक दस्तावेज लीक पर कोई टिप्पणी करने से परहेज किया है. हालांकि, एक हालिया प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान अमेरिकी विदेश विभाग के प्रवक्ता मैथ्यू मिलर ने डॉक्यूमेंट को लेकर टिप्पणी की थी. इसके बाद से लीक के मूल स्रोत को लेकर दिलचस्पी पैदा हो गई है.


सीक्रेट डॉक्यूमेंट को लीक कराने के पीछे इमरान खान
पिछले दिनों अमेरिकी मीडिया संस्थान द इंटरसेप्ट ने अपनी खबर में कहा है कि दस्तावेज उसे पाकिस्तानी सेना के एक अज्ञात स्रोत ने मुहैया कराया है. अज्ञात स्रोत ने ये भी जानकारी दी थी कि उसका संबंध इमरान खान या उनकी पार्टी से नहीं है.


बिलावल भुट्टो जरदारी ने उठाए सवाल
पाकिस्तान से जुड़े सीक्रेट डिप्लोमेटिक डॉक्यूमेंट में पिछले साल दक्षिण और मध्य एशियाई मामलों से जुड़े अमेरिका के सहायक विदेश मंत्री डोनाल्ड लू और पाकिस्तानी राजदूत असद मजीद खान की एक बैठक में हुई बातचीत की जानकारी शामिल है. हाल में विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने माना कि द इंटरसेप्ट के तरफ से प्रकाशित दस्तावेज अप्रमाणिक है.


इस लीक के समय पर प्रश्न उठाते हुए उन्होंने डॉन अखबार से कहा कि सेना की राजनयिक दस्तावेज तक पहुंच ही नहीं है. उन्होंने कहा कि विदेश मंत्रालय बहुत सख्त नियमावली का पालन करती है. वह ऐसे दस्तावेज केवल प्रधानमंत्री, विदेश मंत्री, देश की खुफिया एजेंसी के प्रमुख के अलावा अन्य महत्वपूर्ण लोगों के साथ साझा करता है.


ये भी पढ़ें:Eiffel Tower Threat: एफिल टावर को मिली बम से उड़ाने की धमकी, मचा हड़कंप, आनन-फानन में खाली कराया गया