इस्लामाबाद: पाकिस्तान में अल्पसंख्यक हिन्दुओं की शादियों के नियमन से जुड़े बहुप्रतीक्षित अहम विधेयक को सीनेट ने सर्वसम्मति से पारित कर दिया है. अब राष्ट्रपति के हस्ताक्षर के बाद यह विधेयक कानून में तब्दील हो जाएगा. हिन्दू विवाह विधेयक 2017 को सीनेट ने शुक्रवार 17 फरवरी को पारित कर दिया.
नेशलन असेंबली पहले ही दे चुकी है मंजूरी
यह हिन्दू समुदाय का पहला विस्तारित पर्सनल लॉ है. निचला सदन या नेशनल असेम्बली विधेयक को 15 सितंबर 2015 को पहले ही मंजूरी दे चुकी है और कानून का रूप लेने के लिए इसे केवल राष्ट्रपति के दस्तखत की दरकार है. जो मात्र एक औपचारिकता है.
लड़के और लड़की के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल
डॉन न्यूज ने खबर दी है कि पाकिस्तान में रहने वाले हिन्दू इस विधेयक को व्यापक तौर पर स्वीकार करते हैं. क्योंकि यह शादी, शादी के पंजीकरण, अलग होने और पुनर्विवाह से संबंधित है. इसमें लड़के और लड़की दोनों के लिए शादी की न्यूनतम उम्र 18 साल तय की गई है. इस विधेयक की मदद से हिन्दू महिलाएं अब अपने विवाह का दस्तावेजी सबूत हासिल कर सकेंगी.
पाकिस्तान में यह हिन्दुओं को पहला पर्सनल लॉ होगा
यह पाकिस्तानी हिन्दुओं के लिए पहला पर्सनल लॉ होगा जो पंजाब, बलूचिस्तान और खबर पख्तूनख्वा प्रांतों में लागू होगा. सिंध प्रांत पहले ही अपना हिन्दू विवाह विधेयक तैयार कर चुका है. विधेयक को सीनेट में कानून मंत्री ज़ाहिद हमीद ने पेश किया जिसका किसी ने विरोध नहीं किया. यह इसलिए हुआ क्योंकि प्रासंगिक स्थायी समितियों में सभी सियासी पार्टियों के सांसदों ने हमदर्दी वाला नजरिया जाहिर किया था.
सीनेट फंक्शनल कमेटी ऑन ह्यूमन राइट्स ने दो जनवरी को जर्बदस्त बहुमत के साथ विधेयक को मंजूरी दी थी.
पाकिस्तान की सीनेट ने पास किया हिंदू मैरिज बिल, शादी के लिए लड़के-लड़की की न्यूनतम आयु 18 साल
ABP News Bureau
Updated at:
18 Feb 2017 02:08 PM (IST)
प्रतीकात्मक तस्वीर
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