नई दिल्ली: चीन के इशारे पर पाकिस्तान गिलगित-बाल्टिस्तान को पूर्ण राज्य बनाने जा रहा है. पीओके के साथ ही इस इलाके पर भी भारत दावा करता रहा है और सुरक्षा के नजरिये से भी ये इलाका संवेदनशील है. हालांकि भारत सरकार की ओर से अभी कोई बड़ी प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है.


जेनेवा में तीन दिन से पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर, गिलगित-बाल्टिस्तान, बलूचिस्तान और सिंध के लोग पाकिस्तानी हूकूमत की ज्यादतियों के खिलाफ नारे बुलंद कर रहे हैं. लेकिन वो नहीं सुधरा और इस बार उसने डाल आग में घी दिया है. वो गिलगित-बाल्टिस्तान को पूर्ण राज्य बनाने जा रहा है, जो इलाका ना सिर्फ भारत की मूल जम्मू-कश्मीर रियासत का हिस्सा है बल्कि सुरक्षा के पहलू से भी अहम है.


दरअसल, इसके पीछे चीन है. पाकिस्तान के चार मुख्य प्रांत हैं. पंजाब, सिंध, खैबर पख्तुनवा और बलूचिस्तान. इसके अलावा फाटा का इलाका है, जिसका प्रशासन सीधे पाकिस्तान सरकार के अधीन है. वहीं गिलगित-बाल्टिस्तान स्वायत्त प्रदेश है जहां पाकिस्तान ने 1947 में ही कब्जा कर लिया था.


पाकिस्तानी पीएम के विदेश मामलों के सलाहकार सरताज अजीज की अध्यक्षता वाली समिति की सिफारिश पर हुए इस फैसले को लागू करने के लिए संविधान संशोधन करना होगा.