Blasphemy In Pakistan: आखिरकार शहबाज सरकार ने कट्टरपंथी संगठन टीएलपी के सामने टेके घुटने, अब पाकिस्तान में ईशनिंदा मामलों में आतंक फैलाने की धारा लगेगी
Blasphemy Under The Anti-Terrorism Act: पाकिस्तान सरकार को आखिरकार कट्टरपंथी संगठन तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) के आगे झुकना ही पड़ा है, सरकार और टीएलपी के बीच 12 बिंदुओं पर समझौता हुआ है.
Pakistan: पाकिस्तान की शहबाज सरकार ने एक कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी के सामने झुकते हुए उसकी कई मांगे मान ली हैं, जिसमें पाकिस्तान सरकार ने ईशनिंदा के संदिग्धों पर दंड संहिता (पीपीसी) की धाराओं के साथ-साथ आतंकवाद के आरोपों के तहत मुकदमा चलाने पर सहमति दे दी है.
गौरतलब है कि तहरीक-ए-लब्बैक पाकिस्तान (टीएलपी) अपनी मांगों को लेकर प्रदर्शन कर रहा था. करीब महीने भर से चल रहे बवाल के बीच शहबाज सरकार कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी की मांगों के नहीं मान रही थी. लेकिन अब सरकार और टीएलपी के बीच समझौता हो गया है. पाकिस्तान के गृह मंत्री राणा सनाउल्लाह ने जानकारी देते हुए कहा है कि सरकार ने विशेष रूप से ईशनिंदा कानूनों पर टीएलपी की सभी वैध मांगों को स्वीकार कर लिया है. इनमें ईशनिंदा कानून को और प्रभावी बनाने की मांग भी शामिल है.
ईशनिंदा मामलों में आतंक की धारा
समझौते के बाद लाहौर से करीब 200 किलोमीटर दूर गुजरात जिले के सराय आलमगीर में प्रदर्शन खत्म हो गया है. टीएलपी के साथ शनिवार को हस्ताक्षरित 12-सूत्रीय समझौते में, संघीय सरकार ईशनिंदा करने के आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज करने पर सहमत हो गई. उन पर पाकिस्तान दंड की धारा 295-सी (पवित्र पैगंबर के संबंध में अपमानजनक टिप्पणी आदि का उपयोग) के तहत आतंकवाद निरोधी अधिनियम की धारा लगाई जाएगी.
ईशनिंदा को लेकर सरकार उठाएगी कठोर कदम
राणा सनाउल्लाह ने आगे कहा कि पाकिस्तान में ईशनिंदा के आरोपियों का स्पीड ट्रायल सुनिश्चित किया जाएगा. पहली बार, संघीय जांच एजेंसी (FIA) के तहत एक काउंटर ईशनिंदा विंग (CBW) की स्थापना की जाएगी. साथ ही सरकार सोशल मीडिया पर ईशनिंदा सामग्री को रोकने के लिए यह कदम उठाएगी.
डॉन अखबार के रिपोर्ट के अनुसार, पाकिस्तान की सरकार ने एक पत्र जारी करने पर सहमति व्यक्त की है, जिसमें लिखा होगा कि टीएलपी एक आतंकवादी संगठन नहीं था. सरकार ने टीएलपी कार्यकर्ताओं और नेताओं के खिलाफ दायर सभी राजनीतिक मामलों को वापस लेने पर सहमति दी है. टीएलपी की मांगों को लेकर सरकार की सहमति यह दर्शता है कि यह कट्टरपंथी इस्लामी पार्टी की जीत है.
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