Pakistan Shaheen 3 Missile: पाकिस्तान मौजूदा समय में राजनीतिक और आर्थिक संकटों से घिरा हुआ है. पड़ोसी देश में महंगाई बढ़ी हुई है और बढ़ते कर्ज के बोझ तले वो दबता जा रहा है. विदेशी मुद्रा भंडार की देश में भारी कमी है. इन सबके बीच पाकिस्तान अपने दोस्त देशों चीन, यूएई, सऊदी अरब से कर्ज मांग रहा है.
शहबाज सरकार अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष से पिछले कई महीनों से कर्ज मांग रहे हैं, लेकिन IMF पाक पर शर्तें लगा रहा है. इसी बीच पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार और पीएम शहबाज शरीफ ने खुलासा किया है कि आईएमएफ कर्ज देने के बदले लंबी दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइलों के निर्माण को बंद करने की मांग कर रहा है.
राजदूतों के बीच बोले वित्त मंत्री
पाकिस्तान के वित्त मंत्री इशाक डार ने गुरुवार (16 मार्च) को आईएमएफ की इस मांग को खारिज कर दिया कि लंबी दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइलों का निर्माण न किया जाए. वित्त मंत्री ने कहा, "किसी को भी यह बताने की जरूरत नहीं है कि पाकिस्तान किस रेंज की मिसाइल रख सकता है और किस तरह का परमाणु हथियार रख सकता है. हमें अपनी प्रतिरोधक क्षमता को रखना ही होगा."
डार ने पाकिस्तान की संसद में यह बयान दिया जहां कई देशों के राजदूत बैठे हुए थे. ऐसा पहली बार है कि पाकिस्तान के वित्त मंत्री इस पूरे मामले को लेकर दुनिया के सामने आए हैं. एक्सप्रेस ट्रिब्यून की रिपोर्ट को मानें तो वेस्ट कंट्रीज पाकिस्तान से लगातार यह मांग कर रहे हैं कि वह अपनी लंबी दूरी के परमाणु मिसाइलों के कार्यक्रम को छोड़ दे.
शाहीन 3 की मारक क्षमता 2,750 किमी
दरअसल, पाकिस्तान की शाहीन 3 मिसाइल सबसे ज्यादा दूरी तक मार करने वाली परमाणु मिसाइल है जिसकी मारक क्षमता 2,750 किमी है. बता दें कि इस मिसाइल की जद में पूरा भारत और खाड़ी देश आते हैं. इसी क्षेत्र में अमेरिका का जिगरी दोस्त इजरायल भी है. पाकिस्तान के चर्चित रक्षा पत्रकार कामरान युसूफ के अनुसार अमेरिका और वेस्ट कंट्रीज का कहना है कि पाकिस्तान को सबसे ज्यादा खतरा भारत से है मगर उसके खिलाफ कम दूरी की मिसाइलें भी पर्याप्त हैं. ऐसे में फिर पाकिस्तान शाहीन-3 मिसाइल का निर्माण क्यों कर रहा है?
पाकिस्ताानी पत्रकार ने कहा कि अमेरिका को डर है कि अगर पाकिस्तान में हालात खराब होते हैं तो यह मिसाइल आतंकियों के हाथ जा सकती हैं. ये आतंकी अगर उसे बलूचिस्तान से दागते हैं तो यह इजरायल तक तबाही मचा सकती है. इसी वजह से वे पाकिस्तान को शाहीन-3 कार्यक्रम को छोड़ने के लिए कह रहे हैं. पाकिस्तान इजरायल का विरोध करता है और दोनों के बीच राजनयिक संबंध भी नहीं हैं. बताया यह भी जाता है कि शाहीन-3 मिसाइल को चीन की मदद से बनाया गया है.