(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
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Pakistan: पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शुक्रवार (26 मई) को संविधान के अनुच्छेद 184 के तहत अपील का अधिकार दिलाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और आदेशों की बिल पर साइन किया.
Pakistan Nawaz Sharif: पाकिस्तान (Pakistan) की सरकार ने अपने मूल अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल कर सोमवार (29 मई) को सुप्रीम कोर्ट रिव्यू ऑफ जजमेंट्स एंड ऑर्डर्स एक्ट 2023 कानून बना लिया है. इस एक्ट के मदद से पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (PML-N) सुप्रीमो नवाज शरीफ और देश के पूर्व पीएम नवाज शरीफ को अपनी अयोग्यता को चुनौती देने का मौका मिल सकता है.
पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट पांच सदस्यीय पीठ ने पूर्व पीएम नवाज शरीफ को साल 2017 में सुप्रीम कोर्ट ने पनामा पेपर्स मामले में अयोग्य घोषित कर दिया था. इसके बाद वो इस फैसले के खिलाफ अपील दायर नहीं कर पाए थे, क्योंकि उस वक्त रिव्यू ऑफ जजमेंट्स एंड ऑर्डर्स एक्ट जैसा कोई कानून नहीं था.
नवाज अपील दायर करने में सक्षम हो सकते हैं
पाकिस्तान के राष्ट्रपति आरिफ अल्वी ने शुक्रवार (26 मई) को संविधान के अनुच्छेद 184 के तहत अपील का अधिकार दिलाने वाले सुप्रीम कोर्ट के फैसलों और आदेशों की बिल पर साइन किए, जो पहले नहीं थे. ये नया कानून अब पिछले फैसलों पर भी लागू हो सकता है. इसका मतलब साफ है कि अब नवाज शरीफ अपने ऊपर लगाए गए आरोपों को खिलाफ अपील दायर करने में सक्षम हो सकते हैं.
Pakistan President approves Supreme Court review of judgements bill, clearing way for Nawaz Sharif's return
— ANI Digital (@ani_digital) May 29, 2023
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अनुच्छेद 184 के तहत अपने मूल अधिकार क्षेत्र का इस्तेमाल करके देश के सुप्रीम कोर्ट के तरफ से किए गए फैसलों और आदेशों की समीक्षा करने का मौलिक अधिकार जरूरी है. इसमें यह भी कहा गया है कि संविधान के अनुच्छेद 184 के तहत सुप्रीम कोर्ट के फैसले के मामले में अनुच्छेद 185 के तहत अपील भी करना अधिकार क्षेत्र में आता है.
60 दिनों के भीतर नवाज दे सकते हैं चुनौती
सुप्रीम कोर्ट रिव्यू ऑफ जजमेंट्स एंड ऑर्डर्स एक्ट 2023 कानून का बार एसोसिएशन ने स्वागत किया है. सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष अमानुल्ला कनरानी ने नए कानून का स्वागत करते हुए कहा कि कानूनी समुदाय के तरफ से इस तरह के कानून को मान्यता देने की मांग की गई थी. उन्होंने कहा कि कानून के लागू होने के 60 दिनों के भीतर नवाज शरीफ अपनी अयोग्यता को चुनौती दे सकते हैं.
हालांकि, कानून मंत्री आजम नजीर तरार ने कहा कि शरीफ को लाभ नहीं मिल सकता क्योंकि उन्होंने अपने आरोपों के खिलाफ समीक्षा दायर की थी, जिसे खारिज कर दिया गया था.