Kashmir Issue: क्या कश्मीर को लेकर भारत-पाकिस्तान में कभी सुलह होगी? पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर कश्मीरी ने दिया मुंहतोड़ जवाब
India-Pakistan Relation News: कश्मीरी एक्टिविस्ट साजिद यूसुफ शाह ने कहा कि भारत (India) में अब बेहतर शासन है. कश्मीरी युवाओं की अलग सोच है. वो शांति की बात करते हैं. 2019 के बाद काफी बदलाव हुआ है
India And Pakistan Relation: भारत और पाकिस्तान के बीच लंबे वक्त से सीमा विवाद को लेकर मतभेद रहे हैं. पाकिस्तान अक्सर कश्मीर मसला (Kashmir Issue) उठाकर भारत को गीदड़भभकी देने की कोशिश करता रहा है. हालांकि भारत भी इस मसले को लेकर मुंहतोड़ जवाब देता रहा है. पाकिस्तानी पत्रकार के सवाल पर कि क्या कश्मीर मसले को लेकर कभी दोनों देशों के बीच सुलह होगी? इस पर एक कश्मीरी एक्टिविस्ट साजिद यूसुफ शाह ने पाकिस्तान की सरकार को घेरते हुए जमकर कोसा.
पाकिस्तान (Pakistan) मौजूदा वक्त में गंभीर आर्थिक संकट (Economic Crisis) के दौर से गुजर रहा है, लेकिन वो अक्सर कश्मीर के मसले को उठाता रहा है.
कश्मीर को लेकर भारत-पाक में कभी सुलह होगी?
पाकिस्तानी पत्रकार आरज़ू काज़मी ने एक चर्चा के दौरान कश्मीरी एक्टिविस्ट साजिद यूसुफ शाह से सवाल किया कि क्या कश्मीर मसले को लेकर कभी भारत-पाकिस्तान के बीच सुलह होगी? क्या ये सिलसिला रूकेगा? इस पर साजिद यूसुफ ने कहा कि भारत के साथ संघर्ष में पाकिस्तान ने सबसे अधिक कश्मीर पर ध्यान फोकस किया है. कभी हथियार भेजे हैं तो कभी ड्रग्स. कभी आतंकियों को यहां भेजा. ऐसे में मैं मानता हूं कि पाकिस्तान की सरकार आसानी से कभी नहीं कहने वाली है कि कश्मीर कोई मसला है ही नहीं.
70 साल से कश्मीर का राग
कश्मीरी एक्टिविस्ट साजिद यूसुफ शाह ने आगे कहा कि पाकिस्तान मौजूदा वक्त में गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. वहीं, ये भी सच है कि वो पिछले करीब 70 साल से कश्मीर का राग अलापता रहा है. हमें लगता है कि हमारे मोहल्ले में समस्या है तो पहले अपने घर को ठीक करने की जरूरत है. उन्होंने कहा, ''पाकिस्तान अगर इसी तरह से कश्मीर-कश्मीर करता रहा तो मुझे लगता है कि पूरी नस्लें खत्म हो जाएंगी''.
महबूबा मुफ्ती को लेकर क्या कहा?
पाकिस्तानी पत्रकार ने जब पूछा कि कश्मीरी लीडर भी इस मसले पर ज्यादा एक्टिव नहीं हैं. क्या महबूबा मुफ्ती सिर्फ अपनी पॉलिटिक्स को जिंदा रखने के लिए ही इस पर बात करती हैं? इस सवाल पर साजिद यूसुफ ने कहा कि उनका अपना प्वाइंट ऑफ व्यू है. उन्होंने जिक्र किया कि अंतिम चुनाव के दौरान महबूबा मुफ्ती ने वोटरों से कहा था कि अगर वो उन्हें वोट देंगे तो वो कभी बीजेपी को कश्मीर में घुसने नहीं देंगे, लेकिन खुद ही बाद में बीजेपी के साथ गठबंधन किया था. ऐसे में जाहिर होता है कि वो सत्ता की भूखी हैं.
'नेताओं की चाल समझते हैं लोग'
महबूबा मुफ्ती को लेकर साजिद ने आगे कहा कि पहले वो दावा करती थीं कि पीएम मोदी ही कश्मीर मसले का हल निकालेंगे लेकिन आज गालियां देती हैं. पहले वो ये भी कहती थीं कि कांग्रेस ने सबसे अधिक नुकसान किया, लेकिन वो हाल में राहुल गांधी के साथ भारत यात्रा से भी जुड़ीं. अगर किसी को लगता है कि कश्मीरी नेताओं की चालें नहीं समझते हैं तो ये गलतफहमी है.
कांग्रेस के वक्त और आज के कश्मीर में फर्क?
पाकिस्तानी पत्रकार ने पूछा कि कांग्रेस के वक्त और आज के कश्मीर में क्या फर्क है? कश्मीरी एक्टिविस्ट साजिद यूसुफ शाह कहा, ''कांग्रेस की सरकार थी तो पैलेट गन चलते थे. हमारे बच्चों के हाथ में पत्थर दिए जाते थे. बंदूकें देते थे. बच्चों की जान जाती थी. लेकिन मैं दावे के साथ कह सकता हूं कि बीजेपी के शासन में, खासकर 2019 के बाद काफी सुधार हुआ. किसी बच्चे की जान नहीं जाती. पीएम मोदी और अमित शाह का विजन बड़ा है. ये आम कश्मीरी की सरकार है''.
कश्मीरी युवाओं की अब अलग सोच
साजिद यूसुफ शाह (Sajid Yousuf Shah) ने आगे कहा कि भारत की दुनिया में पहचान बढ़ी है. आज भारत वर्ल्ड इकॉनमी में पांचवे नंबर पर हैं. ये दर्शाता है कि कांग्रेस से बेहतर शासन है. कश्मीरी युवाओं की अब अलग सोच है. हिंदुस्तान के साथ खुश हैं. शांति की बात करते हैं. कश्मीरी पंडित पहले खुलकर बोलने में भी डरते थे. 2019 के बाद काफी बदलाव हुआ है. आम कश्मीरियों को हमेशा से गुमराह किया गया था. आज कश्मीर फाइल जैसी मूवी के जरिए इतिहास का सच बताने की जरूरत है.
ये भी पढ़ें: