Pakistan Hindu Minority: पाकिस्तान में हिंदू लड़की के जबरन धर्मांतरण पर गरमाई सियासत, अल्पसंख्यक सांसद ने कहा- 'हमें हर मुद्दे पर कराया जा रहा चुप'
Pakistan: पााकिस्तान के सिंध प्रांत में हाल ही में एक हिंदू लड़की का अपहरण कर लिया गया है. इसी पर सिंध विधानसभा में सियासत तेज हो गई है.
Pakistan Hindu Minority: पाकिस्तान के सिंध विधानसभा में सोहना शर्मा नाम की किशोर हिंदू लड़की के अपहरण पर गरमागरम बहस हुई. सिंध प्रांत के मंत्री मुकेश कुमार चावला ने सदन को आश्वासन दिया कि सरकार अल्पसंख्यकों के लिए बनाए गए कानूनों को लागू करने के लिए आवश्यक कदम उठाएगी. उन्होंने स्पष्ट रूप से कहा कि लोगों के अपने धर्म को स्वतंत्र रूप से चुनने का मौलिक अधिकार है.
इसके अलावा सिंध प्रांत के मंत्री मुकेश कुमार चावला ने सभा में कहा कि किसी को भी दबाव में लाकर धर्मांतरण के लिए मजबूर नहीं किया जाना चाहिए. सिंध विधानसभा के स्पीकर आगा सिराज दुर्रानी के नेतृत्व में विधानसभा सत्र दो घंटे की देरी से शुरू हुआ. पीपीपी एमपीए के लाल चंद ने 14 साल की सोहना शर्मा के अपहरण पर अपनी नाराजगी व्यक्त की. आपको बता दे की सोहना शर्मा पाकिस्तान के अल्पसंख्यक हिंदू समुदाय की सदस्य है.
अल्पसंख्यक आबादी की आवाज़ को चुप किया जा रहा है
पीपीपी एमपीए के लाल चंद ने विधानसभा में बहस के दौरान कहा कि अल्पसंख्यक आबादी की आवाज़ को सबसे मामूली मुद्दों पर भी चुप कराया जा रहा है. इसके बाद लाल चंदर ने संसद में मौजूद बाकी के सांसद को सूचित किया कि उनक समुदाय के 14 वर्षीय सदस्य शर्मा का काजी अहमद में अपहरण कर लिया गया है. उसका निकाहनामा से ये साबित किया जा रहा है कि उसने अपनी पसंद के व्यक्ति से विवाह किया था.
एक साल में धर्मांतरण के 202 घटनाएं
पाकिस्तान पहले से ही बिगड़ी हुई राजनीतिक और आर्थिक स्थिति से जूझ रहा है. ह्यूमन राइट्स विदाउट फ्रंटियर्स के रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान जबरन विवाह और धर्मांतरण का खामियाजा भुगत रहा है. ह्यूमन राइट्स विदाउट फ्रंटियर्स एक यूरोप-आधारित संगठन है जो दुनिया भर में उन घटनाओं पर नज़र रखता है जहां लोगों को धर्म या विश्वास की स्वतंत्रता के अपने अधिकार का उपयोग करने से रोका जाता है.
पाकिस्तान में क्रिश्चियन सॉलिडेरिटी वर्ल्डवाइड (CSW) के स्थानीय साझेदारों में से एक, सेंटर फॉर सोशल जस्टिस के आंकड़ों के अनुसार 2021 और 2022 के बीच 202 घटनाएं दर्ज की गईं और उनका दस्तावेजीकरण किया गया. उनमें से लगभग सभी सिंध और पंजाब प्रांतों में हुईं.
ये भी पढ़ें: