Pakistan Space Agency: भारत तो अंतरिक्ष में बन रहा महाशक्ति, मगर क्या है पाकिस्तानी स्पेस एजेंसी का हाल?
Pakistan Space Industry: भारत ने जहां स्पेस इंडस्ट्री में परचम लहराया हुआ है. वहीं, पाकिस्तान अभी इस सेक्टर में भारत से मीलों दूर है. आइए इसकी वजह जानते हैं.
![Pakistan Space Agency: भारत तो अंतरिक्ष में बन रहा महाशक्ति, मगर क्या है पाकिस्तानी स्पेस एजेंसी का हाल? Pakistan Space Agency SUPARCO Mission Budget Comparison India ISRO Chandrayaan Mission Pakistan Space Agency: भारत तो अंतरिक्ष में बन रहा महाशक्ति, मगर क्या है पाकिस्तानी स्पेस एजेंसी का हाल?](https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2023/08/22/2178df6e00647845de979d66ddf5b2a71692678551566837_original.jpg?impolicy=abp_cdn&imwidth=1200&height=675)
Chandrayaan Mission: भारत का चंद्रयान मिशन 23 अगस्त की शाम चांद की सतह पर लैंड कर जाएगा. ये मिशन अंतरिक्ष के क्षेत्र में भारत की बढ़ रही ताकत को दिखा रहा है. 'इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गेनाइजेशन' (ISRO) के चंद्रयान मिशन के सफल होते ही भारत चौथा ऐसा देश बनेगा, जिसने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की हो. अब तक अमेरिका, रूस और चीन ही वो मुल्क हैं, जिन्होंने चंद्रमा पर सॉफ्ट लैंडिंग की है.
हालांकि, जहां भारत स्पेस में महाशक्ति बनने की ओर अग्रसर है, तो वहीं लोग पूछ रहे हैं कि पाकिस्तान का स्पेस सेक्टर में क्या हाल है. भारत और पाकिस्तान एक साथ आजाद हुए. दोनों मुल्कों को ब्रिटेन से आजाद हुए सात दशक से ज्यादा समय हो गया है. भारत ने जहां विकास, गरीबी हटाने पर फोकस किया है, तो पाकिस्तान ने आतंक, हथियार बनाने और सीमा पर शांति बिगड़ाने पर ध्यान लगाया है.
चंद्रयान के लिए दुआ मांगते पाकिस्तानी
भारत-पाकिस्तान के बीच भले ही सीमा पर दुश्मनी हो, मगर पाकिस्तानी आवाम शायद इससे ज्यादा इत्तेफाक नहीं रखती है. हाल में कई सारे वीडियो सामने आए हैं, जिसमें पाकिस्तानियों को भारत के चंद्रयान मिशन के लिए दुआ मांगते हुए देखा गया. ऐसे में आइए जानते हैं कि पाकिस्तान का स्पेस इंडस्ट्री का क्या हाल है और उसने अब तक किस तरह के मिशन को अंजाम दिया है.
पाकिस्तान की स्पेस इंडस्ट्री का हाल
भारत में जिस तरह ISRO है, ठीक उसी तरह से पाकिस्तान में 'स्पेस एंड अपर एटमोसफेयर रिसर्च कमीशन' (SUPARCO) है. इसका हेडक्वाटर पड़ोसी मुल्क के सबसे बड़े शहरों में से एक कराची में है. SUPARCO को 16 सितंबर 1961 को स्थापित किया था. वैसे तो SUPARCO का मिशन स्पेस साइंस, स्पेस टेक्नोलॉजी के लिए काम करना है, मगर ये ज्यादातर मिसाइल बनाने का ही काम करती है.
ISRO के लिए इस साल 12.5 हजार करोड़ का बजट आवंटित किया गया. पाकिस्तान टुडे के मुताबिक, पड़ोसी मुल्क की स्पेस एजेंसी का बजट 739 करोड़ पाकिस्तानी रुपये रहा. अगर भारतीय रुपये से इसकी तुलना की जाए, तो ये 200 करोड़ रुपये ही है. स्पेस रिसर्च के हिसाब से ये बजट ऊंट के मुंह में जीरा है. यही वजह है कि स्पेस में भारत के मुकाबले पाकिस्तान मीलों दूर खड़ा हुआ नजर आता है.
स्पेस में पाकिस्तान की कुछ सफलताएं
साउथ एशियन वॉयस के मुताबिक, SUPARCO को शुरुआत में स्पेस में काफी सफलताएं हासिल हुईं. 1960 के दशक में इसे अमेरिका का साथ मिला. अमेरिका को मून मिशन की लॉन्चिंग के लिए लोकेशन की तलाश थी. हिंद महासागर लॉन्चिंग के लिए सबसे ज्यादा उपयुक्त जगह थी. इस वजह से अमेरिका पाकिस्तान के करीब आया और कहीं न कहीं इस्लामाबाद को इसका फायदा मिला.
अमेरिकी की मदद से पाकिस्तान ने 1962 में Rehbar-1 के तौर पर अंतरिक्ष में अपना पहला रॉकेट लॉन्च किया. इस तरह वह ऐसा करने वाला दुनिया का 10वां मुल्क बना. Rehbar-1 एक टू-स्टेज वाला रॉकेट था, जिसका मुख्य काम पृथ्वी के ऊपरी वातावरण की स्टडी करना था. इसके जरिए अरब सागर की जलवायु के बारे में मालूम चला. पाकिस्तान के डॉपलर रडार ट्रेकिंग स्टेशन की नींव भी इसकी वजह से पड़ी.
अंतरिक्ष में मिली शुरुआती सफलताओं के बाद पाकिस्तान ने मिसाइलों को तैयार करने पर जोर देना शुरू किया. 80 के दशक के आखिर में Hatf Programme तैयार किया गया, जिसके जरिए बैलिस्टिक मिसाइलें बनाई गईं. 1989 में इसकी टेस्टिंग भी की गई. 2018 में पाकिस्तान ने चीन की मदद से 'टेक्नोलॉजी इवैल्यूएशन सैटेलाइट' को अंतरिक्ष में भेजा. हालांकि, 1990 से ही पाकिस्तान की स्पेस इंडस्ट्री ठंडी पड़ी है.
स्पेस में पिछड़ने की वजह
पाकिस्तान के स्पेस में पिछड़ने की दो प्रमुख वजहे हैं. इसमें पहला हथियारों को बनाने पर ज्यादा फोकस करना और दूसरी आर्थिक चुनौतियां. आजादी के बाद से ही पाकिस्तान का ज्यादा फोकस हथियारों को तैयार करने में रहा है. पाकिस्तानी नेताओं ने स्पेस इंडस्ट्री में पैसा लगाने के बजाय डिफेंस इंडस्ट्री को ज्यादा तरजीह दी है. उन्हें लगता है कि ताकत दिखाने के लिए हथियारों का होना जरूरी है.
पड़ोसी मुल्क की आर्थिक चुनौतियां भी उसे स्पेस में आगे नहीं बढ़ने देती हैं. वर्तमान में देश अपने सबसे बुरे दौर से गुजर रहा है. कर्ज लेकर किसी तरह से देश की अर्थव्यवस्था को संभाला जा रहा है. पाकिस्तान की आईटी और साइंस इंडस्ट्री का अच्छी तरह से विकसित नहीं होना भी उन वजहों में शामिल है, जो उसे स्पेस में आगे नहीं बढ़ने देना चाहता है. इन वजहों के चलते अभी पाकिस्तान स्पेस में पिछड़ा हुआ है.
यह भी पढ़ें: पाकिस्तानियों ने चंद्रयान-3 की लैंडिंग को लेकर कहा- 'अल्लाह करे वो...', देखें वीडियो
ट्रेंडिंग न्यूज
टॉप हेडलाइंस
![ABP Premium](https://cdn.abplive.com/imagebank/metaverse-mid.png)