Pakistan: पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ (Shehbaz Sharif) के भगोड़े बेटे सुलेमान शहबाज भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना करने के लिए रविवार 11 दिसंबर को सुबह पाकिस्तान (Pakistan) लौट आए. वह पिछले चार सालों से लंदन में रह रहे थे.


राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (एनएबी) ने 2018 के आम चुनाव से पहले उनके और उनके परिवार के खिलाफ मामले दर्ज किए थे, जिसके बाद से सुलेमान लंदन में रह रह थे. वह कुछ दिन तो जांच में शामिल हुए, लेकिन फिर लंदन चले गए.


हाईकोर्ट ने दी थी राहत
इस्लामाबाद उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पहले सुलेमान की एक याचिका पर सुनवाई के दौरान संघीय जांच एजेंसी (एफआईए) और एनएबी के धन शोधन के मामले में उनको गिरफ्तार करने पर रोक लगा दी थी. अदालत ने उनको 13 दिसंबर से पहले आत्मसमर्पण करने का निर्देश दिया था.


पाकिस्तान मुस्लिम लीग (एन) ने अपने आधिकारिक ट्विटर अकाउंट पर सुलेमान के घर लौटने और अपने पिता से मिलने और उनको गले लगाने का एक वीडियो भी शेयर किया. 


क्यों छोड़ा था पाकिस्तान?
सुलेमान ने अपनी वापसी से पहले एक बयान में कहा था कि नई व्यवस्था बनाने में मदद करने के लिए उनके और उनके परिवार के खिलाफ ‘फर्जी’ मामले दर्ज किए जाने के बाद उनको अपनी सुरक्षा के लिये पाकिस्तान छोड़ने को मजबूर होना पड़ा था. उन्होंने इन मामलों को राजनीतिक तौर पर प्रताड़ित करने का सबसे बदतर उदाहरण बताया.


एफआईए ने शहबाज शरीफ और उनके बेटों हमजा और सुलेमान के खिलाफ नवंबर 2020 में भ्रष्टाचार निरोधक कानून और धनशोधन रोधी अधिनियम की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया था.


घोषित किये गये थे भगोड़े
सुलेमान के खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया गया था. हालांकि, अदालत को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में एफआईए ने कहा था कि वारंट पर अमल नहीं हो सका, क्योंकि सुलेमान अपने पते पर मौजूद नहीं थे और विदेश चले गए थे. निचली अदालत ने इस साल जुलाई में 16 अरब रुपये के धन शोधन मामले में सुलेमान और एक अन्य संदिग्ध को भगोड़ा अपराधी भी घोषित किया था.


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