'अल्लाह ने चाहा तो...', पाकिस्तान में आम चुनाव पर बोले पाकिस्तान के चीफ जस्टिस
Pakistan: पाकिस्तान की नेशनल असेंबली 9 अगस्त को भंग हो गई थी. इसके बाद से वहां आम चुनावों की तारीख तय करने को लेकर खींचतान मची हुई थी. अब सुप्रीम कोर्ट के हस्तक्षेप से चुनाव की तारीख तय हो गई है.
Pakistan General Election-2024: पाकिस्तान के प्रधान न्यायाधीश (CJP) काजी फैज ईसा ने शुक्रवार (3 नवंबर) को कहा कि अल्लाह ने चाहा तो नकदी संकट से जूझ रहे देश में चुनाव 8 फरवरी को होंगे. चीफ जस्टिस का यह बयान पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (Election Commission) और राष्ट्रपति आरिफ अल्वी (Pakistan President Arif Alvi) के बीच चुनाव की तारीख को लेकर सहमति बनने के बाद आया.
पाकिस्तान निर्वाचन आयोग (ईसीपी) की ओर से 8 फरवरी को आम चुनाव कराने की अधिसूचना शुक्रवार को जारी किये जाने और इसे शीर्ष अदालत के समक्ष सौंपे जाने के बाद प्रधान न्यायाधीश ईसा ने ये टिप्पणी की.
सीईसी ने राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से की मुलाकात
मुख्य निर्वाचन आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा ने सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर गुरुवार (2 नवंबर) को राष्ट्रपति आरिफ अल्वी से मुलाकात की और बाद में राष्ट्रपति कार्यालय ने एक बयान जारी कर तारीख का ऐलान किया.
Chief Election Commissioner of Pakistan, Mr. Sikandar Sultan Raja, along with the Attorney General for Pakistan, Mr. Mansoor Usman Awan, and four members of the Election Commission of Pakistan, came to meet President Dr. Arif Alvi, at Aiwan-e-Sadr, Islamabad. pic.twitter.com/wsPqo5tIxl
— The President of Pakistan (@PresOfPakistan) November 2, 2023
'पहले 11 फरवरी को चुनाव कराने की थी चर्चा'
यह घटनाक्रम निर्वाचन आयोग के वकील की तरफ से शीर्ष अदालत को यह बताए जाने के कुछ घंटों बाद हुआ था, जिसमें पहले कहा गया था कि चुनाव 11 फरवरी को होंगे.
'एजीपी ने सु्प्रीम कोर्ट की 3 सदस्यीय पीठ को सौंपी ईसीपी की चुनाव अधिसूचना'
पाकिस्तान के अटॉर्नी जनरल (एजीपी) मंसूर उस्मान अवान ने शुक्रवार को प्रधान न्यायाधीश ईसा, न्यायमूर्ति अतहर मिनल्लाह और न्यायमूर्ति अमीन-उद-दीन खान की 3 सदस्यीय पीठ को ईसीपी की चुनाव अधिसूचना सौंपी.
तीन न्यायाधीशों की पीठ सुप्रीम कोर्ट बार एसोसिएशन (एससीबीए) और इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) पार्टी समेत अन्य की याचिकाओं पर सुनवाई कर रही थी.
'सीजेपी ने कहा-पाकिस्तान के लोग चुनाव के हकदार'
प्रधान न्यायाधीश ईसा ने कहा कि पाकिस्तान के लोग चुनाव के हकदार हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि सभी संस्थाएं चुनाव कराने में अपनी संवैधानिक भूमिका निभाएंगी. निर्वाचन आयोग से आग्रह किया कि वह तैयारी पूरी करने के बाद चुनाव कार्यक्रम जारी करें.
समाचार पत्र ''डॉन'' ने न्यायमूर्ति ईसा के हवाले से कहा, ''अल्लाह ने चाहा तो चुनाव निर्धारित तारीख को होंगे.'' उन्होंने कहा कि निर्वाचन आयोग और राष्ट्रपति के बीच का मामला ''अनावश्यक अदालत में लाया गया.''
प्रधान न्यायाधीश ने यह भी कहा कि चुनाव की तारीख जारी न करके देश को चिंता में डाल दिया गया. उन्होंने कहा, ''ऐसी भी आशंका थी कि चुनाव होंगे ही नहीं.''
'चुनाव की तारीख तय करने में सुप्रीम कोर्ट की कोई भूमिका नहीं'
प्रधान न्यायाधीश ने कहा, ''कानून और संविधान के अनुसार, चुनाव की तारीख तय करने में सुप्रीम कोर्ट की कोई भूमिका ही नहीं है. यह आश्चर्यजनक है कि राष्ट्रपति ने इस मामले पर कोर्ट से मार्गदर्शन लेने का सुझाव दिया था. राष्ट्रपति संविधान के अनुच्छेद 186 से मार्गदर्शन ले सकते थे.''
डॉन ने न्यायमूर्ति ईसा के हवाले से कहा, ''अब समय आ गया है कि हम न केवल संविधान का पालन करें, बल्कि देश के संवैधानिक इतिहास पर भी नजर डालें.''
नेशनल असेंबली भंग होने के बाद होना था चुनावों की तारीख का ऐलान
नौ अगस्त को नेशनल असेंबली भंग किये जाने के बाद चुनाव की तारीख का मुद्दा कई हफ्तों तक खिंचता रहा, क्योंकि चुनाव 90 दिनों के भीतर होने चाहिए, लेकिन इस साल हुई नई जनगणना के बाद चुनावी जिलों को अंतिम रूप देने के लिए निर्वाचन आयोग ने इसमें देरी की.
'चुनावों के बारे में संदेह पैदा करने वाली खबरों के प्रसारण पर रोक'
इस बीच, शीर्ष अदालत ने समाचार चैनलों पर ऐसी खबरें प्रसारित करने पर रोक लगा दी, जो चुनावों के बारे में संदेह पैदा कर सकती हैं. कोर्ट ने कहा कि ऐसी कोई भी खबर संविधान का उल्लंघन होगी. अटॉर्नी जनरल को मीडिया निगरानी संस्था पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी (पीईएमआरए) को ऐसे मीडिया संगठनों के खिलाफ कार्रवाई सुनिश्चित करने का निर्देश दिया है.
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