पाकिस्तान की सुप्रीम कोर्ट ने प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ और नवाज शरीफ समेत कई बड़े नेताओं को राहत देते हुए अहम फैसला सुनाया है. कोर्ट ने देश के भ्रष्टाचार विरोधी कानूनों में उन बदलावों को शुक्रवार (6 सितंबर, 2024) को सर्वसम्मति से बहाल कर दिया, जिनसे प्रधानमंत्री और उनके बड़े भाई नवाज शरीफ समेत कई बड़े नेताओं को फायदा हुआ था.


पाकिस्तान के चीफ जस्टिस (CJP) काजी फैज ईसा ने संघीय सरकार और अन्य पक्षों की ओर से दायर अंतर-अदालती अपीलों (ICA) पर सुनवाई के बाद पांच सदस्यीय पीठ द्वारा छह जून को सुरक्षित रखा गया फैसला सुनाया. देश की शीर्ष अदालत ने राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) कानूनों में संशोधन को निरस्त करने वाले पहले के फैसले को पलट दिया और संघीय सरकार और अन्य प्रभावित पक्षों द्वारा दायर अंतर-अदालती अपीलों को स्वीकार कर लिया.


शहबाज शरीफ के नेतृत्व वाली पिछली सरकार ने मई 2023 में राष्ट्रीय जवाबदेही ब्यूरो (NAB) कानूनों में संशोधन किया था. इमरान खान के नेतृत्व वाली पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ पार्टी ने इस कानून की आलोचना की थी क्योंकि इसके कारण आसिफ अली जरदारी, शहबाज शरीफ और उनके भाई नवाज शरीफ जैसे नेताओं के खिलाफ भ्रष्टाचार के मामले वापस ले लिए गए थे.


पूर्व प्रधानमंत्री खान इमरान खान ने इन संशोधनों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी, जिसने पिछले साल सितंबर में इन बदलावों को रद्द कर दिया था. सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले के अनुसार, उसने अपील के पक्ष में सर्वसम्मति से फैसला सुनाया और उन संशोधनों को बहाल कर दिया जिन्हें पहले असंवैधानिक घोषित किया गया था.


सुप्रीम कोर्ट ने ताजा फैसले में कहा कि चीफ जस्टिस या अन्य दूसरे संसद के गेटकीपर नहीं हो सकते. कोर्ट ने कहा, 'जब भी संभव हो, सुप्रीम कोर्ट को संसद द्वारा बनाए गए कानून को बरकरार रखने का प्रयास करना चाहिए.' सुनवाई के दौरान इमरान खान रावलपिंडी की अदियाला जेल से वीडियो लिंक के जरिए कोर्ट के समक्ष पेश हुए, जहां वह पिछले साल सितंबर से बंद हैं.


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