फैसले के कुछ घंटे बाद इलेक्शन कमीशन ने नेशनल असेंबली से आसिफ की सदस्यता खत्म कर दी थी जिससे उन्हें विदेश मंत्री के पद से हटना पड़ा था. उन्होंने फैसले को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी थी जहां न्यायमूर्ति उमर अत्ता बंदियाल की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यों वाली बेंच मामले की सुनवाई कर रही है. आसिफ ने अपने वकील मुनीर मलिक के माध्यम से अदालत से कहा कि उनकी अपील पर फैसला होने तक हाई कोर्ट के आदेश को रोक दिया जाए.
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बेंच ने इस बात को मानने से इनकार कर दिया और इसकी जगह इमरान ख़ान की राजनीतिक पार्टी 'पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ' के नेता उस्मान डार के साथ-साथ विपक्षियों को नोटिस जारी किए. डार की याचिका पर ही आसिफ को अयोग्य ठहराया गया है. अदालत ने बाद में मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए स्थगित कर दी.
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