Pakistan Vs Taliban: पाकिस्तान और तालिबान के संबंधों में खटास जगह बना चुकी है. इसका कारण पाकिस्तान का जबरन अफगानिस्तान की जमीन पर घुसपैठ करना है. दोनों के बीच झड़प हिंसक रूप ले चुकी है. स्पिन बोल्डक-चमन बॉर्डर पर बीते चार दिनों से जारी हिंसा में अब तक 1 व्यक्ति की मौत हुई है जबकि 50 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं. पाकिस्तान सेना के प्रॉपगैंडा विंग इंटर सर्विसेज पब्लिक रिलेशंस (आईएसपीआर) ने बताया कि तालिबान लड़ाकों ने पाकिस्तान की सीमा से सटे इलाकों में नागरिक बस्तियों को अपने रडार पर लिया है. 


अफगानिस्तान ने चमन बॉर्डर पर नागरिक आबादी पर अंधाधुंध गोलीबारी की है जिसमें सबसे ज्यादा बच्चों और महिलाओं को शिकार बनाया गया है. दूसरी ओर तालिबान ने यह दावा किया है कि पाकिस्तानी सेना उनकी जमीन पर जबरन कब्जा कर रही है. उन्होंने पाक पर यह भी आरोप लगाया है कि उनके सैनिक अफगान के नागरिकों पर अत्याचार कर रहे हैं. वह उनसे दोयम दर्जे के नागरिकों की तरह भी व्यवहार कर रहे हैं. इसके अलावा उनका यह भी कहना है कि पाक की सेना बिना किसी वजह के अफगान नागरिकों को न केवल परेशान कर रही है बल्कि उनकी पिटाई भी कर रही है. आखिर दोनों के बीच लड़ाई का क्या कारण है. आइए जानते हैं. 


पाक-तालिबान में क्यों हो रही लड़ाई 
 
पाकिस्तान और तालिबान के बीच लड़ाई का प्रमुख कारण यही है कि अफगान की जमीन पर पाकिस्तान की घुसपैठ होना. तब से ही दोनों के बीच तनाव की जैसी स्थिति बनने लगी थी. बता दें कि पाकिस्तान की सेना चमन बॉर्डर से सटे शेख लाल मुहम्म्द सेक्टर में एक बैरक की मरम्मत करना चाहती थी लेकिन यह अफगान को मंजूर नही था क्योंकि उनका मानना था कि यह बैरक अफगानी जमीन पर बना हुआ है इसलिए पाकिस्तानी सेना इसका इस्तेमाल नही कर सकती है. तालिबान ने पाक के इस कदम का जम कर विरोध किया. 


तालिबान ने दिया जोरदार जवाब


पाकिस्तान सैनिकों ने अधिक सुरक्षा बलों को बुलाकर तालिबान के लड़ाकों को खदेड़ दिया था लेकिन तालिबान भी कहा पीछे हटने वाला था उन्होंने जबरदस्त जवाबी कार्रवाई की. तालिबान के लड़ाकों ने इतना जोरदार हमला किया कि  पाकिस्तानी सैनिक उस बैरक को छोड़कर अपनी सीमा के अंदर भाग खड़े हुए. कुछ सैनिकों ने आबादी वाले इलाकों में पनाह ली, जिसके बाद तालिबान के लड़ाके पाकिस्तानी सीमा में घुस गए. बता दें कि पाकिस्तानी सेना और तालिबान के बीच  फायरिंग में कई आम नागरिकों को गोलियां लगी है. 


सीमा विवाद


पाकिस्तान और तालिबान के बीच सीमा विवाद भी जड़ बनी हुई है. दरअसल पाकिस्तान-अफगानिस्तान की सीमा को तालिबान ने शुरू से ही स्वीकार नही किया हुआ है. डूरंड लाइन के नाम से मशहूर यह सीमा अंग्रेजों के जमाने में बनाई गई थी लेकिन तालिबान के लिए यह स्वीकार्य नही है. उनका मानना है कि यह बंटवारा काफी भेदभाव पूर्ण रहा था इसके कारण उनके परिवार के लोग और रिश्तेदार भी अलग हो गए थे.


 इस सीमा पर कबिलाई लोग ज्यादा निवास करते हैं और वह भी खुद को तालिबान का नागरिक बताते है न कि पाकिस्तान का. तालिबान की पकड़ भी इन सीमावर्ती इलाकों में काफी ज्यादा है. तालिबान का दावा है कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान और खैबर-पख्तूनख्वा सूबे के अधिकतर हिस्से अफगानिस्तान के हैं. ऐसे में पाकिस्तान को इन इलाकों को वापस सौंप देना चाहिए. 


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