(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
पाकिस्तान के नौसेना बेस पर बलूच आतंकियों ने बरसाई ताबड़तोड़ गोलियां, 6 की मौत
Pakistan terrorist attack on Naval Base: बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों और प्रतिष्ठानों पर यह तीसरा हमला था जिसकी जिम्मेदारी बीएलए ने ली है.
Pakistan terrorist attack on Naval Base: पाकिस्तान स्थित बलूचिस्तान प्रांत में सशस्त्र बलोच चरमपंथियों ने एक अहम नौसेना अड्डे में प्रवेश करने की कोशिश की, लेकिन वहां के सुरक्षा बलों ने हमले को नाकाम करते हुए 6 आतंकवादियों को ढेर कर दिया है. आतंकी सोमवार (25 मार्च 2024) की रात को तुरबत जिले में इस घटना को अंजाम देने को कोशिश कर रहे थे.
घटना के बारे में बात करते हुए मकरान के आयुक्त सईद अहमद उमरानी ने मीडिया को बताया कि सुरक्षा बलों ने पीएनएस सिद्दीकी नौसेना हवाई अड्डे पर एक आतंकवादी हमले को नाकाम कर दिया. यह नौसेना हवाई अड्डा देश के सबसे बड़े नौसैनिक हवाई स्टेशनों में से एक है.
उन्होंने कहा, ''हथियारबंद लोगों ने हवाईअड्डे की सीमा के 3 तरफ से हमला किया, लेकिन सुरक्षा बलों ने तुरंत जवाबी कार्रवाई की और परिसर में घुसपैठ की उनकी कोशिश को नाकाम कर दिया.''
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि उन्होंने रात भर गोलीबारी और विस्फोटों की आवाज सुनी. एक सुरक्षा अधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर कहा कि अभियान में 6 आतंकवादी मारे गए और वे हवाई स्टेशन या हवाई जहाज को कोई नुकसान पहुंचाने में नाकाम रहे.
अधिकारी ने बताया कि संवेदनशील नौसैनिक हवाई स्टेशन को कोई नुकसान नहीं पहुंचा है. प्रतिबंधित बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (बीएलए) ने दावा किया कि हमले में उसकी मजीद ब्रिगेड का हाथ था.
बलूचिस्तान में सुरक्षा बलों और प्रतिष्ठानों पर यह तीसरा बड़ा हमला था जिसकी जिम्मेदारी बीएलए ने ली है. पहले के दोनों हमलों को भी सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया था.
इससे पहले साल की शुरुआत में मछ शहर में सुरक्षा बलों पर हमला किया गया था जिसमें 10 लोगों की मौत हुई थी, लेकिन मछ जेल में घुसने की कोशिश को सुरक्षा बलों ने कामयाब नहीं होने दिया था.
सुरक्षा बलों ने पिछले हफ्ते इसी प्रांत में स्थित ग्वादर बंदरगाह प्राधिकरण परिसर में घुसने की कोशिश कर रहे 8 आतंकवादियों को ढेर कर दिया था. बीएलए ने 24 मार्च को हमले की जिम्मेदारी ली थी. ईरान और अफगानिस्तान की सीमा से लगे बलूचिस्तान में लंबे समय से हिंसा जारी है.
पूर्व में बलोच विद्रोही समूहों ने 60 अरब अमेरिकी डॉलर की चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा (सीपीईसी) परियोजनाओं को निशाना बनाते हुए कई हमले किए हैं.
बीएलए बलूचिस्तान में चीन के निवेश का विरोध करता है. वह चीन और पाकिस्तान पर संसाधन संपन्न प्रांत के शोषण का आरोप लगाता है. इस आरोप को अधिकारियों ने खारिज किया है. बीएलए के माजिद ब्रिगेड का गठन 2011 में हुआ था जो संगठन का गुरिल्ला प्रकोष्ठ है.