Pakistan Terrorist Killed: भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकियों के लिए पाकिस्तान दुनिया की सबसे सुरक्षित जगह रही है, लेकिन पिछले कुछ दिनों से पाकिस्तान में छिपे हुए आतंकियों की एक-एक करके हत्या होती जा रही है. पाकिस्तान कह रहा है कि ये हत्याएं भारत करा रहा है, भारत कह रहा है कि ये उसका तरीका नहीं है.
ब्रिटिश अखबार द गार्जियन कह रहा है कि इन हत्याओं के लिए भारत जिम्मेदार है. भारत कह रहा है कि ये हिंदुस्तान के खिलाफ दुष्प्रचार है, लेकिन एक सच तो ये है कि भारत के मोस्ट वॉन्टेड आतंकी जो पाकिस्तान में छिपे थे, उनकी हत्याएं हो रही हैं. ऐसे में आखिर इन हत्याओं का सच क्या है, आखिर ब्रिटिश अखबार की नई रिपोर्ट में इन हत्याओं को लेकर क्या दावा किया गया है और आखिर भारत का इस ब्रिटिश रिपोर्ट पर स्टैंड क्या है? आइए इसे जानने की कोशिश करते हैं.
चार साल में पाकिस्तान में 20 आतंकियों का खात्मा
पाकिस्तान में पिछले करीब चार साल में कम से कम 20 आतंकियों की हत्या हो चुकी है. 2020 से शुरू हुआ आतंकियों की हत्याओं का सिलसिला जारी है. इसके लिए पाकिस्तान ने भारत को जिम्मेदार ठहराने की कोशिश की तो भारत ने पलटवार किया और कहा कि उसका इन हत्याओं में कोई हाथ नहीं है. अब विदेशी मीडिया ने भी पाकिस्तान के सुर में सुर मिला दिया है.
ब्रिटिश अखबार द गार्जियन ने अपनी एक रिपोर्ट में दावा किया है कि पाकिस्तान में हो रही आतंकियों की हत्या का आदेश भारत की सरकार की ओर से जारी हुआ है. अखबार की रिपोर्ट में दावा किया गया है कि एक सीक्रेट ऑपरेशन के जरिए भारत पाकिस्तान में बैठे आतंकियों की हत्या करवा रहा है. ये सब तब शुरू हुआ, जब भारत में पुलवामा का हमला हुआ था. इस आतंकी हमले के बाद से ही भारतीय खुफिया एजेंसी रॉ यानी कि रिसर्च एंड एनालिसिस विंग एक्टिव हुई और उसने पाकिस्तान में सीक्रेट ऑपरेशन लॉन्च कर दिया.
द गार्जियन ने रिपोर्ट में क्या दावा किया है?
द गार्जियन की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान में मारे गए सात आतंकियों के मामले की जांच की गई है. इनमें मिले सबूत इस बात की ओर इशारा कर रहे हैं कि भारतीय जासूसों ने पाकिस्तानी जमीन पर टारगेट किलिंग की है. उनका दावा है कि 2023 में हत्याओं की संख्या सबसे ज्यादा रही है. ज्यादातर लोगों की हत्या अज्ञात शख्स के जरिए करीब से गोली मारने से हुई है.
द गार्जियन ने अपनी इस रिपोर्ट में पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी के अधिकारियों से बात कर दावा किया है कि ज्यादातर हत्याएं संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) से ऑपरेट होने वाले भारतीय खुफिया स्लीपर-सेल के जरिए अंजाम दी गईं. 2023 में बढ़ी हत्याओं की संख्या की वजह स्लीपर-सेल का एक्टिव होना रहा. इन स्लीपर-सेल्स ने अपने दुश्मनों के खात्मे के लिए पाकिस्तान के अपराधियों को लाखों रुपये दिए. दावा किया गया है कि एजेंट्स ने जिहादियों को भी भर्ती किया, जिन्हें ये यकीन दिलाया गया कि वे काफिरों की हत्या कर रहे हैं.
वहीं इस रिपोर्ट में भारतीय सुरक्षा एजेंसी के अधिकारियों से बात करने के बाद दावा किया गया है कि पुलवामा के बाद देश के बाहर मौजूद 'दुश्मनों' के हमला करने या कोई गड़बड़ी पैदा करने से पहले उन्हें निशाना बनाने का दृष्टिकोण पैदा हुआ. हम हमलों को रोक नहीं सकते थे, क्योंकि उनका सुरक्षित ठिकाना पाकिस्तान में था, इसलिए हमें खुद ही उन तक पहुंचना पड़ा." अधिकारी ने आगे बताया कि इस तरह के ऑपरेशन को अंजाम देने के लिए सरकार के सबसे उच्चतम स्तर से मंजूरी की जरूरत होती है.
द गार्जियन की रिपोर्ट में ये भी दावा किया गया है कि भारत अब रूस की खुफिया एजेंसी केजीबी और इजरायल की खुफिया एजेंसी मोसाद की तर्ज पर काम कर रहा है और इसी वजह से वो विदेश में बैठे अपने दुश्मनों की भी खात्मा कर पा रहा है. हालांकि ब्रिटिश अखबार के इस दावे की पोल खुद भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने ही खोल दी है. उन्होंने कहा है कि द गार्जियन अखबार का दावा भारत विरोधी प्रचार का हिस्सा है. ये दावे पूरी तरह से झूठे और दुर्भावनापूर्ण हैं. विदेश मंत्री ने कहा है कि विदेशी सरज़मी पर टारगेट किलिंग करना भारत का तरीका नहीं है.
भारत ने क्या कहा?
इससे पहले विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल भी कह चुके हैं कि पाकिस्तान में जो हो रहा है, वो पाकिस्तान की अपनी गलती है. जनवरी 2024 में ही उन्होंने कहा था, ''पाकिस्तान जो बोएगा वो ही काटेगा. हमने मीडिया रिपोर्ट्स देखी है. यह भारत विरोधी झूठे और दुर्भावनापूर्ण प्रचार को बढ़ावा देने का पाकिस्तान का नया प्रयास है. जैसा कि दुनिया जानती है कि पाकिस्तान लंबे समय से आतंकवाद, संगठित अपराध और अवैध अंतरराष्ट्रीय गतिविधियों का केंद्र रहा है.''
वैसे ये तो फैक्ट है कि पाकिस्तान में छिपे आतंकी मारे जा रहे हैं. गार्जियन की रिपोर्ट में भी एयर इंडिया फ्लाइट की हाइजैकिंग के लिए जिम्मेदार जाहिद अखूंद, जैश-ए-मोहम्मद के कमांडर और भारत में कई आतंकी हमलों के लिए जिम्मेदार शाहिद लतीफ, हिजबुल मुजाहिदीन के कमांडर बशीर अहमद पीर और सलीम रहमानी के साथ ही खालिस्तानी आतंकी परमजीत सिंह पंजवार, लश्कर-ए-तैयबा के कमांडर रियाज अहमद और तमाम दूसरे आतंकियों की हत्या की बात की गई है.
अब ये हत्याएं चाहे जिसने की हों, चाहे ये हत्याएं पाकिस्तान में आतंकी गुटों के बीच बढ़ती आपसी दुश्मनी का नतीजा हों, लेकिन ये हैं तो मानवता के ही हक में और भारत के भी हक में भी, क्योंकि इन्होंने भारत में इतना खून-खराबा किया है कि उसकी कोई दूसरी मिसाल नहीं है. इन हत्याओं के लिए भले ही द गार्जियन भारत को जिम्मेदार ठहराए, लेकिन भारत का स्टैंड क्लियर है. वो ये है कि किसी दूसरे देश में घुसकर टारगेट किलिंग करना भारत का अपना तरीका नहीं है.
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