Pakistan: भ्रष्टाचार में इमरान और शहबाज के शासन में टूटे पिछली सरकारों के भी रिकॉर्ड, रिपोर्ट में दावा
Corruption Perception Index 2022: पाकिस्तान (Pakistan) को उन 10 देशों में शामिल किया गया है, जहां सीपीआई (CPI) स्कोर में गिरावट दर्ज की गई है.
Corruption in Pakistan: पाकिस्तान गंभीर आर्थिक चुनौतियों का सामना कर रहा है. महंगाई चरम पर होने से आम आदमी की कमर टूट गई है. इस बीच देश में भ्रष्टाचार (Corruption) का भी बोलबाला है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की रिपोर्ट के मुताबिक इमरान खान और शहबाज के राज में पहले की सरकारों की तुलना में अधिक भ्रष्टाचार पाया गया.
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (TI) पाकिस्तान के अध्यक्ष ने बताया कि देश का सीपीआई (Corruption Perception Index) स्कोर 27 हो गया है. ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल (Transparency International) की रिपोर्ट के मुताबिक भ्रष्टाचार के मामले में कुल 180 देशों में से पाकिस्तान (Pakistan) की रैंक 140 पर बनी हुई है.
भष्ट्राचार में शहबाज और इमरान सरकार कहां?
ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल ने मंगलवार (31 जनवरी) को वैश्विक भ्रष्टाचार पर 2022 करप्शन परसेप्शन इंडेक्स (CPI) रिपोर्ट जारी की और पाकिस्तान को उन 10 देशों में घोषित किया, जिन्होंने CPI स्कोर में गिरावट दर्ज की है. पाकिस्तान का 2022 सीपीआई स्कोर 2021 में 28 की तुलना में 27 है. हालांकि, ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से अपनी 2022 की रिपोर्ट में मूल्यांकन किए गए कुल 180 देशों में से पाकिस्तान की रैंक 140 पर बनी हुई है.
पाकिस्तान का सीपीआई स्कोर क्या?
द न्यूज इंटरनेशनल के अनुसार अलग-अलग अंतरराष्ट्रीय निकायों के सर्वे टीआई को अपनी रिपोर्ट के लिए डेटा प्रदान करते हैं. रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान के मामले में मूल्यांकन किए गए डेटा में पाकिस्तान डेमोक्रेटिक मूवमेंट यानी पीडीएम और पीटीआई दोनों सरकारों को शामिल किया गया. सीपीआई 2022 की रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान ने भी अपने सांख्यिकीय रूप से अहम गिरावट की प्रवृत्ति को जारी रखा है. सियासी उथल-पुथल के बीच 2012 के बाद से अपने सबसे कम स्कोर को 27 अंक पर पहुंचा दिया है.
कैसे जारी होती है भ्रष्टाचार की रैंकिंग?
इमरान खान (Imran Khan) बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार से निपटने और सामाजिक और आर्थिक सुधारों को बढ़ावा देने का वादा करके सत्ता में आए थे, लेकिन 2018 में बागडोर संभालने के बाद से इनमें से किसी भी मोर्चे पर कुछ भी हासिल नहीं हुआ है. एक्सपर्ट के मुताबिक हर साल सार्वजनिक क्षेत्र के भ्रष्टाचार के कथित स्तरों के आधार पर 180 देशों और क्षेत्रों की रैंकिंग की सूची तैयार की जाती है.
जर्मन की ट्रांसपेरेंसी इंटरनेशनल की ओर से ये रैंकिंग 0 से 100 अंकों के पैमाने का इस्तेमाल कर तय की जाती है. इस इंडेक्स को संस्था की ओर से पब्लिक सेक्टर में मौजूद करप्शन के स्तरों के आकलन के बाद तैयार किया जाता है. भ्रष्टाचार की स्थिति के मुताबिक देशों की लिस्ट बनाई जाती है. अगर इस मामले में पाकिस्तान से तुलना करते हैं तो इंडिया में बहुत कम करप्शन है. भ्रष्टाचार बोध सूचकांक (CPI) में भारत को 85वीं रैकिंग मिली है.
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