Pakistan UNSC: पाकिस्तान ने 1 जनवरी 2025 से संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में गैर-स्थायी सदस्य के रूप में अपना दो साल का कार्यकाल शुरू कर दिया है.
पाकिस्तान के राजदूत मुनीर अकरम ने कहा कि उनकी टीम दुनिया के सामने मौजूद अहम चुनौतियों का "सक्रिय और रचनात्मक" तरीके से समाधान करने में भूमिका निभाएगी. मुनीर अकरम ने पाकिस्तान की सरकारी समाचार एजेंसी एपीपी से बातचीत में कहा, "सुरक्षा परिषद में हमारी उपस्थिति को दुनिया महसूस करेगी."
सुरक्षा परिषद में आठवीं बार सदस्य बना पाकिस्तान
पाकिस्तान 2025-26 के कार्यकाल के लिए सुरक्षा परिषद की 15 सदस्यीय टेबल पर अपनी जगह बनाएगा. यह आठवां मौका है जब पाकिस्तान को इस अहम निकाय में जगह मिला है. इससे पहले 2012-13, 2003-04, 1993-94, 1983-84, 1976-77, 1968-69 और 1952-53 में पाकिस्तान ने यूएनएससी की गैर-स्थायी सदस्यता निभाई थी.
जून 2024 में पाकिस्तान को भारी बहुमत के साथ इस पद के लिए चुना गया था, जहां उसे संयुक्त राष्ट्र महासभा के 193 सदस्यों में से 182 वोट मिले. यह दो-तिहाई बहुमत (124 वोट) से कहीं अधिक था.
वैश्विक अशांति के समय में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का दावा
पाकिस्तान के राजदूत अकरम ने कहा, "हम ऐसे समय में परिषद में प्रवेश कर रहे हैं जब विश्व में भू-राजनीतिक अशांति, बड़ी शक्तियों के बीच तीव्र प्रतिस्पर्धा और यूरोप, मध्य पूर्व, अफ्रीका सहित अन्य क्षेत्रों में युद्ध की स्थिति बनी हुई है."
उन्होंने आगे कहा कि पाकिस्तान, जो जनसंख्या के लिहाज से दुनिया का पांचवां सबसे बड़ा देश है, यूएन चार्टर के मुताबिक जंग रोकने, विवादों के शांतिपूर्ण समाधान और आतंकवाद जैसी समस्याओं के समाधान के लिए सक्रिय और रचनात्मक भूमिका निभाएगा.
जापान की जगह लेगा पाकिस्तान
पाकिस्तान ने एशियाई सीट पर जापान की जगह ली है, जिसका कार्यकाल 31 दिसंबर 2024 को खत्म हुआ. सुरक्षा परिषद में स्थायी शांति स्थापना के लिए यह भूमिका अहम मानी जाती है.
पाकिस्तान के साथ ही डेनमार्क, ग्रीस, पनामा और सोमालिया को भी 2024 के जून में महासभा चुनाव के दौरान गैर-स्थायी सदस्य के रूप में चुना गया. इन देशों ने जापान, इक्वाडोर, माल्टा, मोजाम्बिक और स्विट्जरलैंड की जगह ली है.
सुरक्षा परिषद के सदस्य
गैर-स्थायी सदस्यों के अलावा, सुरक्षा परिषद में पांच स्थायी सदस्य शामिल हैं, अमेरिका, रूस, चीन, ब्रिटेन और फ्रांस. इनके साथ पिछले साल चुने गए अल्जीरिया, गुयाना, दक्षिण कोरिया, सिएरा लियोन और स्लोवेनिया भी सदस्य बने हुए हैं.
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