Pakistan Violence: पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री और पीटीआई प्रमुख इमरान खान को शुक्रवार (12 मई) को इस्लामाबाद हाई कोर्ट से जमानत मिली. जिसके बाद अब उन्होंने दावा किया है कि सोमवार (15 मई) को उन्हें गिरफ्तार करने का प्रयास किया जाएगा. साथ ही उन्हें देशद्रोह के किसी कानून का इस्तेमाल कर 10 साल तक जेल में रखा जाएगा. इसके अलावा उन्होंने यह भी दावा किया कि बाद में पीटीआई को पाकिस्तान में प्रतिबंधित कर दिया जाएगा. 


इमरान खान ने ट्वीट करके कहा कि जब मैं जेल में था तब उन्होंने हिंसा के बहाने जज, ज्यूरी और जल्लाद की भूमिकाएं निभाईं. उन्होंने कहा कि योजना अब बुशरा बेगम को जेल में डाल कर मुझे अपमानित करने की है और अगले दस वर्षों तक मुझे अंदर रखने के लिए कुछ राजद्रोह कानून का उपयोग कर रही है. पीटीआई के प्रमुख ने ट्वीट में कहा कि तो अब लंदन की पूरी योजना सामने आ गई है. जब मैं जेल में था तब उन्होंने हिंसा के बहाने जज, ज्यूरी और जल्लाद की भूमिकाएं निभाईं.


एकमात्र संघीय पार्टी पर देंगे प्रतिबंध
इमरान खान ने कहा कि पीटीआई नेतृत्व और कार्यकर्ताओं का जो कुछ बचा है, उस पर पूरी तरह से नकेल कसेगी. इसके साथ ही आरोप अंत में वे पाकिस्तान की सबसे बड़ी और एकमात्र संघीय पार्टी पर प्रतिबंध लगा देंगे, जिस तरह उन्होंने पूर्वी पाकिस्तान में अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया. खान ने आरोप लगाए कि कोई सार्वजनिक प्रतिक्रिया न हो इसके लिए उन्होंने दो काम किए हैं. पहला जानबूझकर आतंक केवल पीटीआई कार्यकर्ताओं पर ही नहीं, बल्कि आम नागरिकों पर भी फैलाया जाता है. दूसरा, मीडिया पूरी तरह से नियंत्रित है और उसका मुंह बंद कर दिया गया है.



डर पैदा करने की है सोची समझी कोशिश
इमरान खान ने कहा कि मंगलवार को वे फिर से इंटरनेट सेवाओं को निलंबित कर देंगे और सोशल मीडिया पर प्रतिबंध लगा देंगे. इस बीच सोमवार को घरों में तोड़फोड़ की जा रही है और बेशर्मी से पुलिस घरों की महिलाओं के साथ मारपीट कर रही है. इमरान ने आरोप लगाया कि चारदीवारी की पवित्रता का कभी भी उल्लंघन नहीं किया गया है. यह लोगों में इतना  डर पैदा करने की सोची समझी कोशिश है कि कल जब वे मुझे गिरफ्तार करने आएंगे तो लोग बाहर नहीं आएंगे. साथ ही आरोप लगाया कि पाकिस्तान के मुख्य न्यायाधीश को डराना ताकि वे संविधान के अनुसार फैसला न दें.


पाकिस्तान के लोगों के लिए मेरा संदेश है कि मैं अपने खून की आखिरी बूंद तक आजादी के लिए लड़ूंगा क्योंकि मेरे लिए इन बदमाशों के गुलाम होने से मौत बेहतर है. मैं अपने सभी लोगों से यह याद रखने का आग्रह करता हूं कि हमने ला इल्लाह हा इल्लल्लाह का संकल्प लिया है, कि हम अल्लाह के अलावा किसी के आगे नहीं झुकाते हैं. अगर हम भय की मूर्ति के आगे झुकते हैं तो हमारी आने वाली पीढ़ियों के लिए केवल अपमान और विघटन होगा.


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