ब्रिक्स समूह में जगह बनाने को उतावला हो रहा पाकिस्तान! भारत के सबसे अच्छे दोस्त रूस से मांगी मदद
BRICS: पाकिस्तान की ब्रिक्स सदस्यता पर भारत की आपत्ति और रूस का रुख, भविष्य में पाकिस्तान के ब्रिक्स सदस्यता के प्रयासों को प्रभावित कर सकता है.
Pakistan Appeal To Russia For BRICS Membership: भारत का पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान ब्रिक्स का सदस्य देश बनने के उतावला हो रहा है. इस बीच उसने इंडिया के सबसे अच्छे दोस्त रूस से अपील की है कि उनके देश को समूह का हिस्सा बनाया जाए. इस संबंध में पाकिस्तान के राष्ट्रपति आसिफ अली जरदारी और रूसी संघ परिषद की अध्यक्ष वेलेंटिनी मतविएंको ने एक मुलाकात की, जिसमें ब्रिक्स में एंट्री पाने को लेकर बात हुई.
पिछले साल पाकिस्तान ने ब्रिक्स सदस्यता के लिए आवेदन किया था, लेकिन इसे कजान में हुई ब्रिक्स बैठक में न्योता नहीं मिला. पाकिस्तान को न तो सदस्यता दी गई और न ही डायलॉग पार्टनर का दर्जा प्राप्त हुआ. भारतीय विरोध के चलते पाकिस्तान को ब्रिक्स से बाहर रखा गया है, क्योंकि भारत ब्रिक्स में पाकिस्तान के शामिल होने पर आपत्ति जताता रहा है.
पाकिस्तान की ब्रिक्स सदस्यता की उम्मीदें
पाकिस्तान की विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने मीडिया को बताया कि पाकिस्तान एक उभरती अर्थव्यवस्था और बहुपक्षीय सहयोग का समर्थक होने के नाते ब्रिक्स में योगदान दे सकता है. उनका मानना है कि यदि पाकिस्तान ब्रिक्स का सदस्य बनता है तो यह उसे अंतरराष्ट्रीय सहयोग के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का मौका देगा.
🇷🇺🇵🇰 Valentina Matvienko addressed a special plenary session of the Senate of Pakistan
— RusEmbassy_Pakistan (@RusEmbPakistan) October 29, 2024
Key points:
🔸️Federation Council delegation's visit to Islamabad is a new step in strengthening the Russia-Pakistan political and parliamentary dialogue, which is successfully developing… pic.twitter.com/0yR8qDMUwD
क्या है ब्रिक्स (BRICS)?
ब्रिक्स का गठन 2009 में ब्राजील, रूस, भारत और चीन ने मिलकर किया था. बाद में 2010 में दक्षिण अफ्रीका भी इसमें शामिल हुआ. हाल ही में, ब्रिक्स ने अपने विस्तार के तहत ईरान, इथियोपिया, मिस्र और संयुक्त अरब अमीरात को भी सदस्य बनाया, जिससे अब इसके कुल सदस्य 9 हो गए हैं. इस समूह का उद्देश्य विकासशील देशों के बीच आर्थिक सहयोग को बढ़ावा देना और वैश्विक आर्थिक संरचना में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाना है.
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