BRICS Member: चीन की मदद से ब्रिक्स में शामिल होगा पाकिस्तान! रूस में होने वाले समिट में गेस्ट मेंबर के रूप में हो सकता है शामिल
BRICS: ब्रिक्स समूह की स्थापना 2009 में हुई थी, जिसमें ब्राजील, रूस, भारत और चीन शामिल थे. इस समूह में साउथ अफ्रीका 2010 में शामिल हुआ था.
Pakistan Want To Join BRICS: ब्रिक्स में साउथ अफ्रीका के दूत ने हाल ही में ऐलान किया है कि 40 से ज्यादा देशों ने इस समूह में शामिल होने में अपनी रुचि व्यक्त की है, जिससे संभावित रूप से संगठन के राजनीतिक प्रभाव में बढ़ोतरी होगी. इस साल ब्रिक्स 2023 का सम्मेलन साउथ अफ्रीका में 22 से 24 अगस्त के बीच होने वाला है. वहीं अगले साल यानी 2024 रूस में होने वाले ब्रिक्स ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में पाकिस्तान का गेस्ट मेंबर के रूप में भाग लेने की संभावना है.
पाकिस्तान टुडे के रिपोर्ट के मुताबिक, पाकिस्तान ने ब्रिक्स में शामिल होने के लिए रुचि दिखाई है. पाकिस्तान ने कज़ान, रूस में होने वाली इसकी अगली बैठक में आधिकारिक तौर पर भी शामिल होने की संभावना है. ब्रिक्स में शामिल होने के पाकिस्तान की कोशिशों को चीन और रूस का समर्थन प्राप्त है, जो ब्रिक्स के प्रभाव का विस्तार करना चाहते हैं.
ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में सऊदी अरब
पाकिस्तान के अलावा अगले ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में अल्जीरिया और सऊदी अरब के भी शामिल होने की संभावना है. अल्जीरिया ब्रिक्स बैंक में $1.5B निवेश करेगा. दक्षिण अफ्रीका ने 2018 में ब्रिक्स के विस्तार का प्रस्ताव रखा है. हालांकि, औपचारिक बातचीत पिछले साल ही शुरू हुई थी. कई देशों की बढ़ती दिलचस्पी इस गुट के भीतर बढ़ते सहयोग और साझेदारी की संभावना का संकेत देती है.
इससे संभावित रूप से वैश्विक मामलों में इसके महत्व को बढ़ाती है. इसको लेकर ब्रिक्स समूह में दक्षिण अफ्रीका के राजदूत अनिल सूकलाल ने गुरुवार (20 जुलाई) को जोहान्सबर्ग में पत्रकारों से बात की और खुलासा किया कि कई देशों ने इस समूह में शामिल होने में रुचि व्यक्त की है.
ब्रिक्स समूह का विस्तार चुनौतियों से भरा
दक्षिण अफ्रीका अगले महीने आगामी ब्रिक्स सम्मेलन की मेजबानी करने के लिए तैयार है. इसे वास्तव में वैश्विक आयोजन बनाने के लिए, देश ने 69 विश्व नेताओं को निमंत्रण दिया है. हालांकि, ब्रिक्स समूह का विस्तार चुनौतियों से भरा है. जहां चीन और दक्षिण अफ्रीका विकास के समर्थक हैं, वहीं रूस के भी साथ आने की उम्मीद है. दूसरी ओर, यूरेशिया समूह के अनुसार, ब्राजील और भारत अपनी शक्ति में संभावित गिरावट के बारे में चिंता व्यक्त कर रहे हैं और इस तरह के विस्तार का विरोध कर सकते हैं.
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