Pakistan on Afghan Crisis: पाकिस्तान ने अफगानिस्तान संकट के कारण हो सकने वाले नुकसान को लेकर सचेत करते हुए सोमवार को कहा कि अगर युद्धग्रस्त देश के बारे में उसकी सलाह को नजरअंदाज किया गया तो दुनिया को एक ‘‘भारी अव्यवस्था’’ का सामना करना पड़ेगा. पाकिस्तान के सूचना मंत्री फवाद चौधरी ने कहा कि दुनिया को पाकिस्तान की बात सुननी चाहिए क्योंकि ‘‘हालिया दिनों में, पाकिस्तान की सलाह पर ध्यान नहीं दिया गया और यदि पाकिस्तान एवं उसके प्रधानमंत्री की सलाह सुनी जाती, तो स्थिति अलग होती.’’


टीआरटी वर्ल्ड को दिए और ‘डॉन’ में प्रकाशित एक साक्षात्कार में मंत्री ने कहा कि पाकिस्तान के लिए अफगानिस्तान की स्थिति ‘‘बहुत चिंताजनक’’ हैं. उन्होंने कहा, ‘‘1988 में अफगानिस्तान से सोवियत संघ के बलों की वापसी के दौरान भी हमें समस्याओं से जूझना पड़ा था.’’ उन्होंने कहा कि रूस, चीन, अमेरिका और पाकिस्तान के ‘ट्रोइका प्लस’ समूह की अफगान संघर्ष को सुलझाने में महत्वपूर्ण भूमिका है, लेकिन तुर्की, पाकिस्तान, ईरान और अन्य मध्य एशियाई देशों के एक अन्य समूह को भी संकट सुलझाने में मदद करने के लिए सक्रिय भूमिका निभाने की आवश्यकता है.


चौधरी ने कहा कि पाकिस्तान एक बार फिर संकट में है क्योंकि अमेरिका और नाटो सेना अफगानिस्तान से लौट रही है. उन्होंने आगाह किया कि पाकिस्तान पहले से ही 35 लाख अफगान शरणार्थियों को शरण दे रहा है और ‘‘हमारी अर्थव्यवस्था इतनी मजबूत नहीं है कि और अधिक शरणार्थी ले सकें’’.


उन्होंने कहा, ‘‘अफगानिस्तान को अतीत में जिस तरह छोड़ दिया गया, अगर दुनिया वही गलती दोहराती है, तो पाकिस्तान की सीमा पर चरमपंथी संगठनों का एक केंद्र होगा जो निश्चित रूप से हमारे लिए बेहद चिंताजनक होगा.’’ मंत्री ने जोर देकर कहा कि पाकिस्तान इस क्षेत्र को स्थिर करने की पूरी कोशिश कर रहा है और ‘‘हम अफगानिस्तान में एक समावेशी सरकार के लिए क्षेत्रीय और अंतरराष्ट्रीय शक्तियों के साथ मिलकर काम कर रहे हैं.’’


हालांकि चौधरी ने कहा कि फिलहाल कोई शरणार्थी संकट नहीं है. उन्होंने कहा, ‘‘जहां तक प्रवासियों का सवाल है, तो इस चरण में सत्ता पर कब्जे के दौरान रक्त नहीं बहा है, इसलिए अभी तक कोई शरणार्थी संकट नहीं है और हमारी सीमा वास्तव में अभी सामान्य है.’’


उन्होंने रेखांकित किया कि अस्थिरता से निपटने के लिए पाकिस्तान के पास एक व्यापक रणनीति है क्योंकि ‘‘हम नहीं चाहते कि ये प्रवासी पाकिस्तान में प्रवेश करें’’. उन्होंने जोर देकर कहा कि लोगों के पलायन से निपटने के लिए पाकिस्तान-अफगानिस्तान सीमा पर पर्याप्त व्यवस्था की जाएगी और ‘‘दुनिया को ऐसी स्थिति में पाकिस्तान की मदद के लिए आना होगा.’’


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