चहेते अफसर के चक्कर में इमरान खान ने ले लिया Pakistan की सेना से पंगा, क्या कुर्सी की पिच पर हो जाएंगे 'बोल्ड'?
पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में है क्योंकि उनके खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव आया हुआ है, जिसमें विपक्ष के साथ इमरान की अपनी पार्टी के सांसद भी मिल गए हैं.
कहा जाता है कि पाकिस्तान में होने वाली हर हलचल का असर भारत पर जरूर होता है और जब वो हलचल सीधे पाकिस्तान के प्रधानमंत्री से जुड़ी हो तो फिर उसका असर भी व्यापक होता है. और खबर ये पक्की है कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में है क्योंकि उनके खिलाफ एक अविश्वास प्रस्ताव आया हुआ है, जिसमें विपक्ष के साथ इमरान की अपनी पार्टी के सांसद भी मिल गए हैं. अब इमरान खान और उनकी सरकार की पूरी कोशिश ये है कि किसी भी तरह से ये अविश्वास प्रस्ताव टाला जाए. चाहे इसके लिए कुछ भी करना पड़े. सबसे पहले आप कुछ अपडेट जान लीजिए.
- इस पूरे विवाद पर पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने दखल देने से मना कर दिया है.
- पाकिस्तान के सुप्रीम कोर्ट ने कहा है कि नेशनल असेंबली की जंग वहीं पर लड़नी चाहिए.
- PTI के जहांगीर खान तरीन ग्रुप के 17 सांसद इमरान को समर्थन देने को तैयार हैं.
- इन सांसदों की शर्त ये है कि पंजाब के मुख्यमंत्री को हटाया जाए.
- इस बीच PML नवाज़ की उपाध्यक्ष मरियम नवाज ने कहा है कि इमरान का गेम ओवर है.
- उधर चीन के विदेश मंत्री वांग यी पाकिस्तान पहुंच चुके हैं.
- OIC समिट में स्पेशल गेस्ट के तौर पर चीन के विदेश मंत्री पहुंचे हैं.
कुल मिलाकर इमरान की मुश्किलें बढ़ी हुई हैं. अब ये तो सब जानते हैं कि पाकिस्तान में सरकार का मतलब फौज होता है. प्रधानमंत्री तो वहां फौज के हाथों की कठपुतली होता है. इमरान के साथ भी ऐसा ही था. नवाज शरीफ को फौज को हटाना था, तो उन्होंने इमरान को प्रधानमंत्री बनाया. लेकिन आखिर इमरान ने ऐसा क्या किया कि फौज उनसे नाराज हो गई और उन्हें हटाने पर तुल गई.
पाकिस्तान की सियासत में उफान आया हुआ है.इमरान खान अपनी कुर्सी बचाने के लिए ऐसे बयान दे रहे हैं. ये सब तब हो रहा है जब पाकिस्तान में ओआईसी यानी Organisation of Islamic Cooperation की बैठक हो रही है.
पूरी दुनिया के इस्लामी मुल्कों के नुमाइंदे पाकिस्तान आए हुए हैं.. सोचिए जब वो पाकिस्तान कुर्सी के लिए इस तरह का तमाशा देख रहे होंगे तो पाकिस्तान के बारे में क्या सोचते होंगे ? जाहिर तौर पर ये पाकिस्तान की इंटरनेशनल बेइज्जती है. लेकिन इसकी नौबत क्यों आई? इमरान और फौज का याराना क्यों टूटा ?
इसका जवाब है कि जब अफगानिस्तान पर तालिबान का कब्जा हुए कुछ ही दिन हुए थे और तालिबान के साथ पाकिस्तान का याराना दिखाने के लिए पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई के प्रमुख जनरल फैज हमीद काबुल पहुंच गए थे तो दुनिया में बहुत बुरा संदेश गया. कहा गया कि पाकिस्तान तालिबान राज में अपना फायदा देख रहा है. अमेरिका ने भी इसकी खूब आलोचना की थी.
बाद में ये भी कहा गया कि जनरल फैज हमीद बिना अपने आर्मी चीफ को पूछे अफगानिस्तान चले गए थे और ऐसा उन्होंने इमरान खान की सलाह पर किया था..
इसके बाद पाकिस्तान के आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा बहुत नाराज हो गए और उन्होंने फैज हमीद को आईएसआई के प्रमुख पद से हटा दिया और नदीम अंजुम को नया आईएसआई चीफ बना दिया. इसका इमरान खान ने खूब विरोध भी किया, लेकिन पाकिस्तान की फौज के सामने वहां के प्रधानमंत्री की चलती कहां है ?
कौन हैं फैज हमीद?
- असल में जनरल फैज हमीद इमरान खान के बड़े खास थे.
- इमरान के कई फैसलों में उनका दखल रहता था.
- इमरान कई फैसले उनसे पूछकर भी करते थे.
- फैज हमीद की इसी नजदीकी से फौज नाराज हो गई.
- और इमरान से बाजवा की नाराजगी की वजह बनी.
इसी के बाद से इमरान के बुरे दिनों की शुरुआत हुई और सेना ने इमरान के इर्द-गिर्द ऐसी सियासी फील्डिंग लगाई कि इमरान चारों खाने चित हो गए. इमरान की पार्टी के नेताओं को भी अब लगने लगा है कि वो हार सकते हैं. पीटीआई के नेता अब्दुल समद याकूब एबीपी न्यूज पर लाइव थे, जिसमें उन्होंने अपना ये डर जाहिर किया था. उन्होंने कहा था, हो सकता है हम सदन में विश्वास मत हार जाएं
इमरान पर विपक्ष के आरोप क्या हैं?
- 4 साल में सरकार ने पाकिस्तान को कमजोर किया.
- पाकिस्तान पर बहुत बड़ा आर्थिक संकट आया.
- महंगाई और बेरोजगारी से पाकिस्तानी अवाम परेशान है.
- इमरान विदेशों से अरबों रुपये का कर्ज ले चुके हैं.
- कर्ज के बदले 22 करोड़ अवाम गिरवी रख दी.
पाकिस्तान के हालात पर भारत की चिंता
- कहीं सेना के हाथ में फिर से सत्ता तो नहीं जाएगी
- कहीं कश्मीर में आतंक को बढ़ावा तो नहीं मिलेगा
- कहीं पाकिस्तान में अराजकता तो नहीं आएगी
- कहीं कट्टरपंथियों को बढ़ावा तो नहीं मिलेगा
- कहीं अफगानिस्तान जैसे हालात तो नहीं बनेंगे
पाकिस्तान में क्या होगा?
- सेना के हाथ में सत्ता तो बाजवा चलाएंगे हुकूमत
- इमरान बने रहे तो सेना से सरकार के रिश्ते खराब
- इमरान हारे तो बिलावल भुट्टो दावेदार
- इमरान हारे तो नवाज शरीफ भी रेस में
जानिए पाकिस्तान में सत्ता का नंबर गेम
कुल सांसद 342
बहुमत 172
विपक्ष 162
PTI+ 179-30 (बागी)
149 (बहुमत से 23 कम)
इमरान खान ने भी किया जोरदार पलटवार
हाल ही में इमरान खान ने कहा, 'पाकिस्तान के बड़े-बड़े डाकू इकट्ठे हो गए हैं. चोरी के पैसे से हमारे सांसदों को खरीदने की कोशिश कर रहे हैं. बगावत करने वालों ने अपना जमीर बेच दिया है. बगावत करने वाले वापस आ जाएं तो मैं माफ कर दूंगा. मुझे हटाने की कोशिश करने वाले ये मैच बुरी तरह हारेंगे.' इसके अलावा इमरान खान ने हिंदुस्तान की भी तारीफ की है. उन्होंने कहा था कि हिंदुस्तान की तारीफ करता हूं, हिंदुस्तान ने हमेशा आजाद विदेश नीति रखी. उनके इस बयान पर पीपीपी अध्यक्ष बिलावल भुट्टो जरदारी ने कहा था कि इमरान ने मोदी के हक में बयान जारी किया था. जबकि पाकिस्तान के विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी ने कहा कि मुझे उम्मीद है कि बिलावल भारत के एजेंडे का हिस्सा नहीं बनेंगे.
पाकिस्तान में बेलगाम महंगाई
आटा 72 रु/किलो
दूध 150 रु/लीटर
पेट्रोल 150 रु/लीटर
चीनी 100 रु/किलो
अंडा 140 रु/दर्जन
टमाटर 80 रु/किलो
आलू 55 रु/किलो
प्याज 50 रु/किलो
इमरान राज में कैसे हैं पाक के हाल
- पाकिस्तान दुनिया का चौथा सबसे महंगा देश
- एक अमेरिकी डॉलर 180 पाकिस्तानी रु. के बराबर
- पाकिस्तान पर 21 ट्रिलियन रु. का विदेशी कर्ज
- विदेशी मुद्रा रिजर्व सिर्फ 22 अरब अमेरिकी डॉलर
पाकिस्तानी संसद का समीकरण
कुल सदस्य 342
बहुमत 172
PTI 155
PTI के सहयोगी 24
सरकार के साथ 179
PML (नवाज) 84
PPP 6
अन्य 22
सरकार के खिलाफ 162
क्यों पाक का कोई पीएम नहीं पूरा कर पाया टर्म
आइए अब आपको बताते हैं कि पाकिस्तान में अब तक कोई भी प्रधानमंत्री अपना 5 साल का कार्यकाल पूरा क्यों नहीं कर पाया. पाकिस्तान में 26 प्रधानमंत्री हुए हैं. इनमें 7 को कार्यवाहक प्रधानमंत्री भी बनाया गया. इन केयरटेकर प्राइम मिनिस्टर्स को हटा दिया जाए तो बाकी बचे 19 पीएम अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाए. लियाक़त अली ख़ान से लेकर इमरान ख़ान तक. लेकिन इन सभी प्रधानमंत्रियों में एक चीज कॉमन है और वो ये है कि कोई भी 5 साल का अपना कार्यकाल पूरा नहीं कर पाया. यहां तक कि नवाज़ शरीफ़ 4 बार और बेनज़ीर भुट्टो 2 बार प्रधानमंत्री बनीं लेकिन ये दिग्गज भी एक बार में 5 साल का टर्म पूरा नहीं कर सके.
नाम साल वजह
लियाकत अली खान 1951 हत्या
जुल्फिकार अली भुट्टो 1977 तख्तापलट
बेनजीर भुट्टो 1980 बर्खास्त
नवाज शरीफ 1993 राष्ट्रपति ने हटाया
बेनजीर भुट्टो 1996 बर्खास्त
नवाज शरीफ 1999 तख्तापलट
यूसुफ रजा गिलानी 2012 SC ने हटाया
अब इमरान खान को डर सता रहा है कि क्या उनके साथ भी ऐसा ही होने वाला है.
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