नई दिल्लीः एक के बाद एक फ्रांस से राफेल लड़ाकू विमानों की खेप भारत पहुंचने के बाद पाकिस्तान इस कदर डर चुका है कि अब वो मदद के लिए चीन का दरवाजा खटखटा रहा है. बालाकोट एयर स्ट्राइक में पाकिस्तान पहले ही भारतीय वायुसेना की ताकत का ट्रेलर देख चुका है और अब राफेल को अपने जंगी बेड़े में शामिल कर के भारतीय वायुसेना ने पाकिस्तान पर बहुत बड़ी रणनीतिक बढ़त बना ली है. इसी बात ने पाकिस्तान की टेंशन बढ़ा दी है और सूत्रों के मुताबिक अब खबर ये है कि पाकिस्तान, चीन से बहुत जल्द J-20 लड़ाकू विमान खरीदने की तैयारी कर रहा है. हालांकि कंगाली से जूझ रहा पाकिस्तान शुरुआत में सिर्फ पांच ही J-20 खरीदना चाहता है.


सूत्रों के मुताबिक आई खबर
भारत के राफेल दस्ते से डरा पाकिस्तान अब चीन की तरफ भाग रहा और सूत्रों के मुताबिक भारत से डरे पाकिस्तान ने चीन से पांच JF-20 फाइटर जेट्स खरीदने की पहल की है. पाकिस्तान सरकार के सूत्रों के मुताबिक चीन ने पाकिस्तान सरकार को हाल ही में JF-20 फाइटर जेट्स मुहैया कराने का प्रस्ताव दिया था. अब पाकिस्तान सरकार ने चीन से पांच JF-20 फाइटर जेट्स खरीदने की पहल की है.


पाक ने फिर खटखटाया चीन का दरवाजा
सूत्रों के मुताबिक अभी तक चीन से इन फाइटर जेट्स को लेने को लेकर इसकी कीमत आड़े आ रही थी और चीन इसकी जो कीमत मांग रहा था वो पाकिस्तान सरकार को बहुत ज्यादा लग रही थी मगर फ्रांस से भारत में राफेल दस्ता आते ही पाकिस्तान ने चीन से फिर से इन जेट्स को खरीदने के लिए संपर्क साधा है.


पाकिस्तान के पास मौजूद JF-17 जेट्स में बड़ी खराबियां
यही नहीं, पिछले कुछ अरसे में पाकिस्तान के पास पहले से मौजूद JF-17 जेट्स में बड़ी खराबियां पाई गई थी और उनका भी चीन के साथ मिलकर उन्नयन किया जा रहा है ताकि इनमें तुर्की के मिसाइलों का इस्तेमाल किया जा सके. गौरतलब है कि पाकिस्तानी वायु सेना के करीब 40 JF-17 लंबे समय से ग्राउन्डेड है. इनके कैनोपी इलेकट्रिकल सिस्टम मे खराबी पाई गई थी, साथ ही पायलट के इजेक्शन में भी तमाम खराबियां पाई गई, यही नहीं, JF-17 में कई जगह क्रैक्स भी पाए गए थे जिसके बाद से इन जेट्स को पाकिस्तान एयरफोर्स ने ग्राउंडेड कर दिया था. F-16 के अलावा पाकिस्तान चीन में ही बने JF-17 लड़ाकू विमान इस्तेमाल करता है लेकिन तकनीकी खराबी की वजह से पाकिस्तानी वायुसेना के 40 JF-17 लड़ाकू विमान ग्राउन्डेड हैं. JF-17 में कई जगह क्रैक्स पाए गए थे, कुछ विमानों में पायलट की इजेक्शन सीट में खराबी भी मिली थी. इसी वजह है चीन अब J-20 लड़ाकू विमान खरीदेगा.


भारत के मुकाबले रेस में नहीं है पाकिस्तान
चीन ने पाकिस्तान सरकार को हाल हीं में J-20 फाइटर जेट्स बेचने का प्रस्ताव दिया था लेकिन ज्यादा कीमत की वजह से तब ये डील परवान नहीं चढ़ी थी. हालांकि भारत में राफेल के आने के बाद अब पाकिस्तान बहुत दबाव में है और खुद ही चीन से ये डील करना चाहता है. पिछले कुछ सालों में राफेल, चिनूक, अपाचे जैसे आधुनिक मशीनों को बेड़े में शामिल कर के भारतीय वायुसेना ने अपनी ताकत में इजाफा किया है और अब पाकिस्तानी वायुसेना भारत के मुकाबले रेस में ही नहीं है.


पांच विमान खरीद के पाकिस्तान राफेल का मुकाबला नहीं कर सकता. ऐसा इसलिए कह रहे हैं क्योंकि राफेल के सामने J-20 फाइटर जेट्स कहीं नहीं ठहरते. आप खुद ही देखिए-




  • राफेल एक उड़ान में एक साथ चार मिशन को अंजाम दे सकता है जबकि J-20 मल्टी मिशन को अंजाम देने में फेल है.

  • राफेल में आधुनिक AESA रडार है.

  • J-20 में लगा AESA रडार पुराना है.

  • राफेल और J-20 दोनों मल्टी रोल फाइटर हैं. इस कैटेगरी में राफेल और J-20 का मुकाबला हो सकता है.

  • सबसे बड़ी बात ये है कि 16 साल पहले बना राफेल कई युद्धों में अहम रोल निभा चुका है.

  • लेकिन चीन के J-20 के पास युद्ध का अनुभव ही नहीं है.


राफेल पूरी तरह वॉर रेडी लड़ाकू विमान है यानि दिल्ली से इशारा मिला नहीं कि ये अपने मिशन को अंजाम देने निकल जाएगा और ये बात भी पाकिस्तान को परेशान कर रही है. राफेल की अधिकतम रेंज 3700 किमी. है जो एयर टू एयर रिफ्यूलिंग के बाद और बढ़ जाती है. जबकि चीन ने J-20 की अधिकतम रेंज छुपा कर रखी है. राफेल की अधिकतम रफ्तार 1389 किमी प्रति घंटा है. जबकि J-20 की अधिकतम रफ्तार 2223 किमी प्रति घंटा है. लेकिन J-20 की रफ्तार का कोई तुक नहीं क्योंकि राफेल एक साथ MICA, METEOR, SCALP मिसाइलें ले जा सकता है. जबकि J-20 PL सीरीज की सीमित संख्या में मिसाइलें लेकर उड़ान भरता है.


सबसे खास बात ये है कि एक स्क्वॉड्रन में 12 से 24 लड़ाकू विमान होत हैं जबकि पाकिस्तान सिर्फ पांच JF-20 विमान ही खरीदने में लगा हुआ है इसलिए उसके ये 5 विमान राफेल का सामना किसी भी सूरत में नहीं कर सकते.


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