पाकिस्तान सेना ने गुरुवार को आखिरकार इमरान खान के खिलाफ मुंह खोल ही दिया. पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता ने कहा कि इमरान खान की साज़िशी चिट्ठी के दावे में ‘साजिश’ शब्द का कहीं जिक्र नहीं था. प्रवक्ता ने कहा कि सत्ता छोड़ने की शर्तों के साथ पाक सेना ने नहीं बल्कि इमरान खान ने खुद ही पाकिस्तानी सेना से संपर्क किया था. सेना के प्रवक्ता ने यह भी दावा किया कि पाकिस्तान में अब कभी सेना का शासन नहीं लगेगा. 


पाकिस्तानी सेना के प्रवक्ता ने इमरान खान के हर एक आरोप का जवाब दिया और उनकी पोल खोल दी. सेना ने कहा कि नेशनल सिक्योरिटी काउंसिल की बैठक में कथित अमेरिकी चिट्ठी की बात में ‘साजिश’ वाली कोई बात नहीं थी. सेना ने इमरान खान की पार्टी पीटीआई के उस दावे को बेबुनियाद बताया जिसमें उन्होंने कहा था कि इमरान को पद छोड़ने के विकल्पों के साथ पाकिस्तान सेना ने उनसे संपर्क साधा था.


सेना ने कहा कि उलटे प्रधानमंत्री के दफ्तर से तीन विकल्पों के साथ आर्मी को संपर्क किया गया था. पाकिस्तान सेना के प्रवक्ता ने कहा कि इमरान खान की तरफ से ये तीन विकल्प सामने रखे गए थे- पहला- अविश्वास प्रस्ताव पर वोटिंग होने दी जाए, दूसरा- इमरान खान इस्तीफा देंगे और तीसरा- असेंबलियां भंग कर दी जाएं और तुरंत चुनाव कराए जाएं.


‘हालिया राजनीतिक घटनाक्रम में सेना का हाथ नहीं’
यही नहीं डीजी आईएसपीआर (DGISPR) ने अपनी प्रेस कांफ्रेंस मे ये भी दावा किया कि पाकिस्तान के हालिया राजनीतिक घटनाक्रम में सेना का कोई हाथ नहीं है और किसी के पास इसका कोई भी सबूत हो तो सामने रखे.


साथ ही पाकिस्तानी सेना ने ये भी दावा किया कि अमेरिका ने पाकिस्तान से एक भी बेस नहीं मांगा है. सेना ने इमरान पर निशाना साधते हुए सख़्त लहजे में कहा कि पाकिस्तान के परमाणु संयंत्र सही सलामत हैं और इनके बारे मे सार्वजनिक रूप से कुछ भी सोच समझ के ही कहना चाहिए. पाक सेना ने ये भी कहा कि पाकिस्तान में अब कभी सेना का शासन नहीं लगेगा.


सेना की मदद से सत्ता में आए थे इमरान 
पाकिस्तान सेना ने आज जिस तरह सिलसिलेवार तरीके से इमरान खान के ना सिर्फ आरोपों को खारिज किया बल्कि इमरान को सख्त हिदायतें भी दी उससे बिल्कुल साफ है कि सेना ने इमरान से सभी नाते तोड़ लिए हैं और ऐसे में पाकिस्तान मे इमरान की राजनीति भी अब शायद बस कुछ ही समय की मेहमान हो. गौरतलब है कि इमरान सत्ता में पाकिस्तान सेना की ही मदद की वजह से आ सके थे.


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