नई दिल्लीः पाकिस्तान ने आज देश में 5000 रुपये के नोट बंद करने की खबरों का खंडन किया. पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय ने एक बयान में कहा है कि सरकार ने इस तरह का कोई निर्णय नहीं लिया है और न ही 5000 रुपये के नोटबंद करने का कोई विचार है. बयान में कहा गया है कि पाकिस्तान में बड़े मूल्य का यही एक मात्र नोट है और इसकी संख्या कुल मुद्रा का मात्र 17 फीसदी है.
भ्रष्टाचार पर अंकुश लगाने के लिए 5000 रुपये के नोटों को बंद करने की खबरें थीं जिनसे पाकिस्तान ने साफ इनकार किया है. पहले ऐसी रिपोर्ट थी कि पाकिस्तान के सबसे बड़े नोट को अमान्य किया जा सकता है. पिछले हफ्ते 5,000 का नोट बाजार से वापस लेने का प्रस्ताव पाकिस्तानी सीनेट में पास भी हो गया था. हाल ही में पाकिस्तान की सीनेट ने काले धन के प्रवाह को रोकने के लिए एक चरणबद्ध तरीके से 5000 रुपये के नोट का चलन बंद करने की मांग करने वाले एक प्रस्ताव को पारित किया था. इससे एक महीने पहले भारत में भी 500 और 1,000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद कर दिया गया था.
पाकिस्तान के वित्त मंत्रालय के बयान में कहा गया, ‘मौजूदा समय में पाकिस्तान के सबसे बड़े नोट यानी 5000 रुपये का मूल्य बड़ी करेंसी जैसे 100 डॉलर, 200 यूरो और 50 पाउंड की तुलना में काफी कम है. 2015-16 के दौरान 5000 रुपये के केवल 17 फीसदी नोट छापे गए.' मंत्रालय ने साथ में कहा कि लेनदेन में व्यापक इस्तेमाल को देखते हुए 5000 रुपये का नोट बंद करने का कारोबारी गतिविधियों पर निगेटिव असर पड़ेगा और लोगों को बड़ी परेशानी होगी. वित्त मंत्रालय ने कहा है कि वह डिजिटल ट्रांजेक्शन और कैशलेस-ब्रांचलेस बैंकिंग को बढ़ावा देने के लिए काम कर रहा है जिससे करेंसी पर लोगों की निर्भरता घटे. लेकिन फिलहाल 5000 का नोट बंद करने का कोई इरादा नहीं है.