Pakistan Nuclear Submarine: पाकिस्तान अपनी नौसेना को मजबूत करने के प्रयास में तेजी ला रहा है. देश का मुख्य ध्यान परमाणु पनडुब्बी विकसित करने पर केंद्रित है. पाकिस्तानी नेवी के एक पूर्व अधिकारी ने दावा किया है कि पाकिस्तान 2028 तक परमाणु पनडुब्बी रखने वाले देशों की सूची में शामिल हो सकता है. हालांकि, यह स्पष्ट नहीं किया गया है कि यह बैलिस्टिक मिसाइल पनडुब्बी होगी या न्यूक्लियर पावर्ड अटैक पनडुब्बी. उनके इस बयान ने पाकिस्तानी नौसेना के आधुनिकीकरण को लेकर वैश्विक स्तर पर उत्सुकता बढ़ा दी है.


पाकिस्तानी नौसेना के रिटायर्ड कोमोडोर ओबैदुल्लाह ने एक निजी चैनल पर चर्चा के दौरान कहा कि पाकिस्तान की नेवी के पास पहले से ही जवाबी परमाणु हमले की क्षमता है. इससे पाकिस्तान उन चुनिंदा देशों के समूह में शामिल हो गया है, जिनके पास यह सामरिक शक्ति है. वर्तमान में केवल 7 देशों के पास यह क्षमता है, जिसमें भारत भी शामिल है.


जवाबी परमाणु हमले की क्षमता किसी देश की रक्षा रणनीति का महत्वपूर्ण हिस्सा मानी जाती है. इसका उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि यदि किसी देश की प्राथमिक परमाणु शक्ति को नुकसान पहुंचे, तो वह फिर भी जवाबी हमला कर सके. इस रणनीति के तहत सबमरीन से परमाणु हमला करना एक अहम पहलू है.


चीन के सहयोग से एडवांस पनडुब्बियां
ओबैदुल्लाह ने जानकारी दी कि पाकिस्तान ने चीन के साथ 8 एडवांस पनडुब्बियों के निर्माण को लेकर समझौता किया है. इनमें से 4 पनडुब्बियां पाकिस्तान में बन रही हैं, जबकि बाकी 4 चीन में तैयार हो रही हैं. इन पनडुब्बियों को अत्याधुनिक उपकरणों और तकनीक से लैस किया गया है. उन्होंने कहा कि ये नई पनडुब्बियां भारतीय नौसेना के लिए चुनौती खड़ी कर सकती हैं.


भारतीय नौसेना की ताकत का स्वीकारोक्ति
ओबैदुल्लाह ने चर्चा के दौरान भारतीय नौसेना की शक्ति को स्वीकारते हुए कहा कि आजादी के समय पाकिस्तान और भारत की नौसेना का अनुपात 1:4 था. वर्तमान में यह बढ़कर 1:5 हो गया है. उन्होंने यह भी माना कि पाकिस्तान, भारत की तरह अपनी नौसेना पर बड़ा खर्च नहीं कर सकता है.


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