Pakistan on Kashmir: पाकिस्तान को कश्मीर के मुद्दे पर दुनियाभर में जलालत का सामना करना पड़ा है. एक-दुक्का मुल्कों को छोड़ दें, तो बाकी दुनिया कश्मीर के मुद्दे पर भारत के साथ खड़ी नजर आती है. मगर पाकिस्तान को ये बात समझ नहीं आ रही है, क्योंकि वह लगातार अंतरराष्ट्रीय मंचों पर जाकर भारत के खिलाफ कार्रवाई की मांग कर रहा है. ऐसा ही उसने एक बार फिर किया है, जहां वह तीन जगह कश्मीर का मुद्दा उठाते हुए पहुंच गया है. 


जियो न्यूज की रिपोर्ट के मुताबिक, हाल ही में सुप्रीम कोर्ट ने जम्मू-कश्मीर को विशेष राज्य का दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 को हटाने को वैध ठहराया. इसका असर पाकिस्तान में भी देखने को मिला. इसी मुद्दे पर अब पाकिस्तान के कार्यवाहक विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने अंतरराष्ट्रीय संगठनों के नेताओं को चिट्ठी लिखी है. इसमें उन्होंने जम्मू-कश्मीर को लेकर सुप्रीम कोर्ट की तरफ से सुनाए गए फैसले की ओर ध्यान आकर्षित करवाया है. 


पाकिस्तान ने क्या कहा?


पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक, विदेश मंत्री जलील अब्बास ने संयुक्त राष्ट्र (यूएन), इस्लामिक सहयोग संगठन (ओआईसी) और यूरोपियन यूनियन (ईयू) के नेतृत्व को चिट्ठी लिखी है. अपनी चिट्ठी में पाकिस्तानी विदेश मंत्री ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय कानून, घरेलू कानून और न्यायिक फैसलों के जरिए जम्मू-कश्मीर के हालात को बदला नहीं जा सकता है. इस चिट्ठी में जम्मू-कश्मीर के लोगों के अधिकारों की भी बात की गई है. 


चिट्ठी में पाकिस्तान ने एक बार फिर दोहराया है कि भारत जम्मू-कश्मीर के जनसांख्यिकीय संरचना और राजनीतिक परिदृश्य को बदलना चाहता है. मंत्रालय की तरफ से जारी किए गए बयान के मुताबिक, 'भारत के कश्मीर को लेकर उठाए गए कदम का मकसद कश्मीरियों को अपनी ही भूमि में एक अशक्त समुदाय में बदलना है.'


विदेश मंत्री जिलानी ने सुप्रीम कोर्ट के हालिया फैसले को अंतरराष्ट्रीय कानून और प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों, विशेष रूप से संकल्प 122 (1957) का उल्लंघन बताया है. उन्होंने अपनी चिट्ठी में लिखा है कि भारत संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रावधानों और नियमों को खत्म नहीं कर सकता है, जैसा कि जम्मू-कश्मीर पर इसके प्रस्तावों में निहित है.


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