(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pakistan Zaid Hamid: पूर्व PM लाल बहादुर शास्त्री की मौत को लेकर पाकिस्तान ने दिया विवादित बयान, जानिए क्या कहा
Pakistan Zaid Hamid: पाकिस्तानी आर्मी विशेषज्ञ जैद हामिद अक्सर भारत के खिलाफ विवादित बयानबाजी करते रहते हैं. एक बार फिर वो अपने टिप्पणी को लेकर चर्चा में हैं.
Pakistan Zaid Hamid: पाकिस्तान के आर्मी विशेषज्ञ कहे जाने वाले ज़ैद हामिद एक बार फिर चर्चा में है. इस बार उन्होंने फिर से भारत के खिलाफ विवादित बयान दिया है. साल 1965 में भारत-पाकिस्तान के बीच लड़े गए युद्ध के संबंध में पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री के मौत पर टिप्पणी की है. जैद हामिद ने अपने बयान में कहा कि पाकिस्तान की सेना लगभग युद्ध जीत चुकी थी. वो दिल्ली पर कब्जा करने वाली थी. इस बात से तत्कालीन प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री काफी डर गए थे. उन्होंने पाकिस्तान से भीख मांगा. तब जाकर युद्ध को रोकने के लिए में ताशकंद समझौता किया गया था.
भारत और पाकिस्तान के बीच 10 जनवरी, 1966 को हुए ताशकंद समझौते के बाद युद्ध रोक दिया गया था. इसी बात से लाल बहादुर शास्त्री काफी खुश हो गए और समझौते के महज 12 घंटे के बाद खुशी के मारे उनको हार्ट अटैक आ गया और उनकी मौत 11 January 1966 को हो गई. ज़ैद हामिद द्वारा दिए गए बयान से जुड़ा एक वीडियो भी सोशल प्लेटफॉर्म एक्स (पूर्व में ट्विटर) पर वायरल हो रहा है. क्लिप को @pakistan_untold ने पोस्ट किया है. जिस पर अभी तक 32 हजार से ज्यादा व्यूज मिल चुके हैं.
Did you know Pakistani Muslims believe they almost captured Delhi in 1965 war?pic.twitter.com/7CvSVVNCdF
— Pakistan Untold (@pakistan_untold) September 24, 2024
क्या है ताशकंद समझौता?
लाल टोपी के नाम से मशहूर ज़ैद हामिद अक्सर भारत के खिलाफ जहरीले बयान देते रहते हैं। जैसा की उन्होंने इस बार ताशकंद समझौते को लेकर दिया है। बता दें कि ताशकंद समझौता भारत और पाकिस्तान के बीच 10 जनवरी, 1966 को हुआ था. यह समझौता, अगस्त 1965 से सितंबर 1965 के बीच हुए भारत-पाकिस्तान युद्ध को खत्म करने के लिए किया गया था. इसके मुताबिक, युद्ध विराम की शर्तों का पालन करने का फ़ैसला किया गया था. साथ ही एक-दूसरे के खिलाफ प्रचार न करने का फ़ैसले पर हामी भरी गई थी. ताशकंद समझौते पर भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री और पाकिस्तान के राष्ट्रपति मोहम्मद अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे.
ये भी पढ़ें: चीन के इस कदम ने उड़ाई अमेरिका की नींद, प्रशांत महासागर में बढ़ सकती है दोनों देशों में गर्मा-गर्मी