नई दिल्ली: पाकिस्तानी सेना की कायरना हरकत पहली बार एबीपी न्यूज़ बताने जा रहा है. पाकिस्तानी सेना किस तरह अपने ही नागरिकों को कवर बनाकर भारत पर फायरिंग करती है. किस तरह अपनी चौकियों की बजाए पाकिस्तानी सैनिक रिहायशी इलाकों में बने घरों से भारतीय सीमा में मोर्टार दागते हैं. ये सिर्फ इसलिए ताकि अगर भारतीय सेना की तरफ से जवाबी कार्रवाई हो तो पाकिस्तानी नागरिक और उनके घरों को नुकसान हो, ताकि अंतर्राष्ट्रीय मंच पर पाकिस्तान भारतीय सेना के खिलाफ दुष्प्रचार कर सके.
28 सेकेंड का ये एक्सक्लूजिव वीडियो एलओसी के पार पाकिस्तान का है. वीडियो में एक पहाड़ों पर एक घर दिखाई पड़ता है. बैकग्राउंड में अल्लाह हू अकबर और नारा-ए-तकबीर से होती है. उसके कुछ सेकेंड बाद ही मकान की छत से मोर्टार दागे जाने की आवाज आती है, जो काफी दूरी पर जाकर फटता है.
बैकग्राउंड में ‘शाबाश’ की आवाज आती है. लेकिन वीडियो के आखिर में जिस छत से गोला दागा गया है वहां पाकिस्तानी सेना के दो जवान दिखाई पड़ जाते हैं. पाकिस्तानी सेना का एक तीसरा जवान छत के करीब खड़ा हुआ. ये तीसरा जवान तब दिखाई पड़ता है जब छत से एक सिविलयन भागता है. वीडियो से साफ हो जाता है कि पाकिस्तानी सेना भारतीय सीमा में फायरिंग अपने रिहायशी इलाकों से करती है.
लेकिन आपके जेहन में ये सवाल उठ सकता है कि अगर पाकिस्तानी सेना अपने ही नागरिकों के घरों से भारत के खिलाफ युद्ध विराम का उल्लंघन यानि गोलाबारी कर रही है तो इसमें भारत को या किसी और को क्या एतराज हो सकता है, या क्यों एतराज होना चाहिए. वीडियो के पीछे की कहानी हम आपको बताने जा रहे हैं.
दरअसल, भारतीय सेना के पास डीआरडीओ की ओर से तैयार की गई एक ऐसी रडार है, जो उसे एरिया के सही सही कोर्डिनेट बताती है जहां से दुश्मन की फायरिंग या फिर गोला-बारी हो रही होती है.‘स्वाथी’ नाम की इस रडार की मदद से भारतीय सेना दुश्मन के उस इलाके को चिह्नित कर लेती है और भारतीय सैनिक अपनी तोप या फिर मोर्टार से ठीक उसी जगह पर गोला दाग देते है. उससे दुश्मन की फायरिंग करने वाली जगह तबाह हो जाती है. ऐसे में अगर फायरिंग किसी पाकिस्तानी घर से आ रही है तो कोर्डिनेट भी वहीं के आएंगे और भारतीय सेना की गोलाबारी भी उसी घर पर होगी.
ऐसे में अगर भारतीय सेना की गोलाबारी में पाकिस्तानी घर बर्बाद होंगे या फिर नागरिक हताहत होंगे तो पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी सरकार इस पर हौ-हल्ला काटना शुरू कर देती है. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय भारतीय सेना की फायरिंग अगर सिविलयन को नुकसान होता है तो तुरंत इस्लामाबाद स्थित भारतीय दूतावास के किसी बड़े राजनयिक को तलब कर अपना विरोध जताना शुरू कर देती है. साथ ही संयुक्त राष्ट्र या फिर उसके समर्थित ग्रुप जैसे यूएन एमओजीआईपी यानि यूनाइटेड नेशन्स मिलिट्री ऑबजरवर ग्रुप फॉर इंडिया एंड पाकिस्तान को खबर कर देता है, जिससे पूरे मामले का अंतर्राष्ट्रीयकरण हो जाता है.
सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना अपनी चौकियों और बंकर्स से इसीलिए फायरिंग नहीं करती है ताकि भारत की तरफ से फायरिंग या गोलाबारी हो तो पाकिस्तानी सैनिक सुरक्षित रहें. बता दें कि बुधवार को ही पाकिस्तानी सेना ने एलओसी पर पूंछ जिले के किरनी और कस्बा सेक्टर में स्मॉल-आर्म्स और मोर्टार से जबरदस्त फायरिंग की.
लेकिन जब भारतीय सेना ने जवाबी फायरिंग की तो पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर (इंटर सर्विस पब्लिक रिलेशन) ने ट्वीट कर आरोप जड़ दिया कि भारतीय सेना की फायरिंग में निकयाल सेक्टर में तीन मासूम नागरिक हताहत हो गए हैं.
इसके कुछ देर बाद ही पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने भारतीय दूतावास के एक सीनियर डिप्लोमेट को तलब कर निकयाल सेक्टर में भारतीय सेना की फायरिंग में घायल हुए नागरिकों का विरोध जता दिया. पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने बाकायदा प्रेस रिलीज जारी कर भारत को 2003 की युद्धविराम संधि तक की दुहाई दे डाली और आरोप लगाया कि इस साल अबतक यानि 1 जनवरी से लेकर 20 मई तक भारत की तरफ से 1100 से भी ज्यादा बार युद्धविराम का उल्लंघन हो चुका है.
जबकि भारतीय सेना की मानें तो हकीकत ये है कि भारतीय सैनिक पाकिस्तान की फायरिंग और गोलाबारी के खिलाफ जवाबी कारवाई करते हैं और कभी भी फायरिंग की शुरुआत नहीं करते हैं. अपनी इस प्रेस रिलीज में पाकिस्तानी विदेश मंत्रालय ने कश्मीर पर अपना राग अलापना नहीं छोड़ा. बुधवार से पहले यानि सोमवार को भी पाकिस्तानी सेना ने कुछ ऐसा ही आरोप लगाया था.
भारतीय सेना के उच्च पदस्थ सूत्रों ने एबीपी न्यूज़ से वीडियो के बारे मे कहा कि इससे साफ हो जाता है कि किस तरह पाकिस्तानी सेना भारत और भारतीय सेना को बदनाम करने और दुष्प्रचार करने के लिए अपने ही नागरिकों को ना केवल मोहरा बनाती है बल्कि भारत पर फायरिंग और गोलाबारी करने के लिए शील्ड-कवर यानि ढाल की तरह इस्तेमाल करती है जो किसी भी प्रोफेशनल-आर्मी को शोभा नहीं देता है.
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