पाकिस्तान में तालिबानी आतंकी लगातार एक्टिव हैं और इस बार उन्होंने काउंटर टेररिज्म सेंटर को अपना निशाना बनाया. पाकिस्तान के बन्नु जिले में स्थित इस काउंटर टेररिज्म सेंटर पर तहरीक-ए-तालिबान के आतंकियों ने कब्जा कर लिया. जिसके बाद करीब 40 घंटे चले ऑपरेशन में पाकिस्तानी सेना ने सभी 33 आतंकियों को मार गिराया. इस पूरे हमले की शुरुआत कैसे हुई और कैसे पाक आर्मी ने ऑपरेशन को अंजाम दिया, इन पांच बड़ी बातों में समझें.
- इस पूरे मामले की शुरुआत तब हुई जब पाकिस्तानी सेना के अधिकारी एक आतंकी से पूछताछ कर रहे थे. इस दौरान आतंकी ने मौके देखते हुए सेना के जवान से उसकी बंदूक छीन ली और वहां मौजूद तमाम आतंकियों को रिहा कर दिया. करीब 30 से ज्यादा आतंकियों ने इसके बाद काउंटर टेररिज्म सेंटर पर पूरी तरह अपना कब्जा कर लिया.
- इसके बाद पाकिस्तानी सरकार हरकत में आई और मामले को सुलझाने के लिए बातचीत का रास्ता निकाला गया. पाकिस्तान से मौलवियों के एक दल को अफगानिस्तान भेजा गया, जिसमें आतंकियों को सरेंडर के लिए मनाने की बात कही गई, लेकिन बात नहीं बनी.
- बातचीत का रास्ता खत्म होने के बाद पाकिस्तानी सेना ने आतंकियों के खिलाफ ऑपरेशन शुरू कर दिया. इस ऑपरेशन के दौरान आतंकियों से भी बातचीत चल रही थी. पाकिस्तानी आर्मी के मुताबिक आतंकियों ने शर्त रखी कि उन्हें सुरक्षित तरीके से अफगानिस्तान छोड़ दिया जाए, इसके लिए उन्होंने एक हेलिकॉप्टर की भी मांग की.
- पाकिस्तानी सेना की तरफ से आतंकियों की इस शर्त को ठुकरा दिया गया. जिसके बाद आतंकियों ने सेना के अधिकारी की हत्या कर दी. आतंकियों ने एक वीडियो जारी कर ये भी धमकी दी कि अगर उन्हें छोड़ा नहीं गया तो वो सभी जवानों और अधिकारियों की हत्या कर देंगे.
- हालात बिगड़ता देख पाकिस्तानी सेना ने अपना ऑपरेशन तेज किया और कमांडो आगे बढ़ने लगे. इस दौरान दोनों ही तरफ से जमकर गोलीबारी हुई. इस ऑपरेशन में पाकिस्तानी कमांडोज ने एक-एक कर सभी 33 आतंकियों को मौत के घाट उतार दिया, हालांकि इस दौरान पाक सेना के दो कमांडो भी मारे गए. ऑपरेशन के दौरान अमेरिका की तरफ से आतंकियों को चेतावनी दी गई कि वो तुरंत बंधियों को रिहा करें.
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