नई दिल्ली: एक तरफ पाकिस्तान ग्लोबल फाइनेंसियल एक्शन टास्क फोर्स (एफएटीएफ) में अपनी साख बचाने में लगा है. वहीं दूसरी तरफ पाकिस्तानी सेना आतंकियों की मदद के लिए एलओसी पर लगातार हथियार और गोला-बारूद भेजने में जुटी है.


सोमवार देर शाम को भारतीय सेना ने एलओसी के तंगधार सेक्टर में पाकिस्तान से स्मैगलिंग कर भेजे गए हथियारों के एक जखीरे को पकड़ने का दावा किया है. पिछले एक हफ्ते में पाकिस्तान की तरफ से स्मैगलिंग करके आए राइफल, हैंड ग्रैनेड्स और दूसरे हथियारों की खेप पकड़े जाने की ये दूसरी बड़ी घटना है.


जानकारी के मुताबिक, सोमवार देर शाम भारतीय सेना ने जम्मू कश्मीर पुलिस के साथ मिलकर उत्तरी कश्मीर के तंगधार सेक्टर में पाकिस्तानी सेना के हथियारों के तस्करी की कोशिश का भांडाफोड़ कर दिया. सर्च ऑपरेशन के दौरान हथियारों से भरा एक बैग मिला. इस बैग में पांच पिस्टल, दस मैगजीन, 138 राउंड्स और हैंड-ग्रैनेड बरामद हुए. इसके अलावा बैग में बिस्किट के पैकेट और खाने-पीने का सामान बरामद हुए.



बिना हथियारों के आतंकियों को एलओसी पर घुसपैठ कराना शुरू करा दिया गया है- सूत्र


सूत्रों के मुताबिक, पाकिस्तानी सेना और आतंकी संगठनों ने अब बिना हथियारों के आतंकियों को एलओसी पर घुसपैठ कराना शुरू कर दिया है. ताकि भारतीय सेना को चकमा देकर आतंकी पाकिस्तानी सीमा (पीओके) से भारत की सीमा में दाखिल हो सकें. क्योंकि बिना निहत्थे लोगों पर भारतीय सेना गोली नहीं चलाती है. हथियारों से भरे इन बैग्स को ड्रोन के जरिए एलओसी के करीब गिरा दिया जाता है और फिर इन आतंकी संगठनों के ‘गाइड’ यहां से आकर चुपचाप उठाकर ले जाते हैं.


इससे पहले 9 अक्टूबर को भारतीय सेना ने किशनगंगा नदीं से हथियारों से भरा एक बैग बरामद किया था. रात के अंधेरे में पीओके की नीलम घाटी की तरफ से आतंकी किशनगंगा नदी में एक रस्सी और पाइप के जरिए हथियारों से भरे इस बैग को भारत के केरन सेक्टर भेज रहे थे. इस बैग से सेना को 04 एक-74 राइफल्स, 08 मैगजीन और 240 राउंड्स बरामद हुए थे.


एसएटीएफ ने आतंकियों की फंडिंग पर कड़ाई से लगाम लगाने पर जोर दिया


भारत के सुरक्षा तंत्र से जुड़े एक अधिकारी ने एबीपी न्यूज को बताया कि जहां ग्लोबस संस्था, एफएटीएफ में पाकिस्तान एंटी-टेरेरिस्ट फाईनेंसिंग पर अपने को पाक-साफ दिखाने की कोशिश कर रहा है, वहीं पाकिस्तानी सेना कश्मीर में सक्रिय आतंकियों और आंतकी संगठनों को फलने-फूलने में मदद कर रही है.


आपको बता दें कि इस महीने की शुरूआत में ही पाकिस्तान ने एफएटीएफ में अपने ‘फॉलो-अप’ रिपोर्ट सौंपी थी. लेकिन इस रिपोर्ट को एफएटीएफ ने नाकाफी बताते हुए आतंकियों की फंडिंग पर कड़ाई से लगाम लगाने पर जोर दिया है. यही वजह है कि पाकिस्तान अभी ग्रे-लिस्ट में ही रहेगा और हर महीने अपनी रिपोर्ट एफएटीएफ को सौपेंगा और बताएगा कि उसने आतंकियों पर नकेल कसने के लिए क्या क्या कदम उठाए हैं.


अगर पाकिस्तान ने ऐसा नहीं किया तो उसके ब्लैक-लिस्ट में शामिल होने की संभावनाएं बढ़ जाएंगी. अगर पाकिस्तान ब्लैक लिस्ट में आया तो उसे वर्ल्ड-बैंक, आईएमएफ और एशियन डेवलपेंट बैंक से वित्तीय सहायता बंद हो सकती है.


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