पाकिस्तानी सेना ने ब्रिगेडियर रैंक के अधिकारी को फांसी पर चढ़ाया, जासूसी का है आरोप
पाकिस्तानी सरकार ने जासूसी के आरोप में एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी को फांसी पर चढ़ा दिया. हालांकि, इस खबर पर पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर ने अभी तक कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
इस्लामाबाद: पाकिस्तानी सेना ने क्या अपने ही एक ब्रिगेडियर स्तर के अधिकारी को जासूसी के आरोप में फांसी पर चढ़ा दिया है? आखिर पाकिस्तानी सेना से जुड़े ऐसे क्या राज़ ब्रिगेडियर राजा रिजवान ने एक 'विदेशी ताकत' को लीक किए थे कि उन्हें मौत के घाट उतार दिया गया है? ये ऐसे सवाल हैं जो पाकिस्तानी सेना और पाकिस्तानी सरकार नहीं देना चाहती है, लेकिन एक बात पक्की है कि पाकिस्तानी सेना में विदेशी गुप्तचर एजेंसियों की सेंध लग चुकी है.
पाकिस्तानी डिफेंस साइट, 'पीके डॉट डिफेंस' के मुताबिक, ब्रिगेडियर राजा रिजवान को फांसी की सजा दे दी गई है. लेकिन पाकिस्तानी सेना की मीडिया विंग, आईएसपीआर से इस खबर पर अभी कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है. डिफेंस डॉट पीके के मुताबिक, दोषी ब्रिगेडियर ने पाकिस्तानी सेना प्रमुख से अपने को दोषमुक्त करने की अपील की थी लेकिन अपील खारिज होने पर उन्हें फांसी की सजा दे दी गई.
दरअसल, इसी साल मई के महीने में पाकिस्तानी सेना ने ब्रिगेडियर राजा रिजवान और लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल सहित एक सिविलयन का कोर्ट मार्शल किया था. इन तीनों पर एक 'विदेशी ताकत' (फॉरन-पावर) के लिए जासूसी करने का आरोप था. कोर्ट मार्शल की कारवाई के बाद राजा रिजवान को फांसी की सजा सुनाई गई थी जबकि जावेद इकबाल को 14 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
पाकिस्तानी सेना के इतिहास में ये पहला ऐसा मामला था जब दो बड़े सैन्य अधिकारियों को जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया था. इस मामले का खुलासा भी कभी नहीं होता अगर आरोपी अधिकारियों के परिवारवालों ने अदालत का दरवाजा खटखटाकर उन्हें ढूंढने की गुहार ना लगाई होती. क्योंकि दोनों ही अधिकारियों को पाकिस्तानी सेना ने एक लंबे समय तक गैर-कानूनी तरीके से हिरासत में रखा हुआ था. लेकिन कोर्ट में मामला आने पर फरवरी में आईएसपीआर ने खुलासा किया था कि दोनों अधिकारियों को अलग अलग मामले में जासूसी के आरोप में गिरफ्तार किया गया है और कोर्ट मार्शल की कारवाई चल रही है. साथ ही ये भी बताया कि दोनों एक 'फॉरन पावर' के लिए काम कर रहे थे.
सूत्रों के मुताबिक, ब्रिगेडियर राजा रिजवान जब जर्मनी की राजधानी बर्लिन में पाकिस्तानी दूतावास में मिलिट्री-अटैचे (2009-12) के तौर पर तैनात थे तो उन्होनें अमेरिकी गुप्तचर एजेंसी, सीआईए को बेहद ही संवदेनशील जानकारी लीक की थीं जिससे इस बात का खुलासा हुआ था कि किस तरह से पाकिस्तानी सेना आतंक और आतंकियों को पालती है और बढ़ावा देती है. माना जाता है कि राजा रिजवान ने ही ओसाम बिन लादेन के पाकिस्तान में छिपे होने की खबर अमेरिका तक दी थी, जिसके बाद अमेरिकी सील कमांडोज़ ने एक सीक्रेट ऑपरेशन में मार गिराया था. लेकिन कुछ जानकारों का मानना है कि राजा रिजवान और जावेद इकबाल भारत को सीक्रेट जानकारी मुहैया करा रहे थे (हालांकि इस बात की कभी पुष्टि नहीं हो पाई)
लेफ्टिनेंट जनरल जावेद इकबाल पाकिस्तानी सेना की रावलपिंडी स्थित 111वीं ब्रिगेड ('तख्ता-पलट') के कमांडर सहित डीजीएमओ जैसे अहम पदों पर रहकर वर्ष 2015 में रिटायर हुए थे. जिस सिविलयन का कोर्ट मार्शल हुआ था वो काहोट स्थित पाकिस्तानी के परमाणु-संयंत्र में काम करता था.
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