लाहौर: पाकिस्तान की एक अदालत ने जमात उद दावा प्रमुख और मुंबई आतंकी हमलों का गुनहगार हाफिज मोहम्मद सईद की नजरबंदी को चुनौती देने वाली एक याचिका खारिज कर दी. लाहौर हाइ कोर्ट के न्यायाधीश एरूम सज्जाद गुल ने बाद में एक वरिष्ठ वकील की दायर याचिका की दलीलों को सुनने के बाद उसे तकनीकी आधार पर खारिज कर दिया अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ता ने सईद की नजरबंदी की वह नोटिफिकेशन नहीं सौंपी जिसे चुनौती दी गई है.

दिलचस्प है कि सुनवाई के दौरान सईद के वकील एके डोगर ने न्यायाधीश के समक्ष पेश होते हुए इस मामले में कोई उल्टा फैसला नहीं देने का अनुरोध किया. उन्होंने कहा कि सईद अपनी अवैध नजरबंदी को चुनौती देने के लिए इस हफ्ते एक अलग याचिका दायर कर रहे हैं. गौरतलब है कि सीनियर वकील सरफराज हुसैन की दायर की गई याचिका में दलील दी गई है कि जेयूडी (जमात उद दावा) प्रमुख को अवैध नजरबंदी में रखा गया है.

बताते चलें की हाफिज सईद 26/11 को हुए मुंबई हमलों का मास्टर माइंड है और कश्मीर में अस्थिरता फैलान में भी इसके संगठन की भूमिका रही है. भारत विरोधी तमाम गतिविधियों को सईद का समर्थन हासिल है. अमेरिकी राष्ट्रपति के सात मुस्लिम बहुल देशों पर लगाए गए 90 दिनों बैन के बाद पाकिस्तान ने सईद को नज़रबंद करने का ये कदम उठाया है. दरअसल बैन किए जाने वाले देशों के फेहरिस्त में पाक का नाम होने की बात भी सामने आई थी.

पाकिस्तान वो देश है जिसमें 9/11 का गुनहगार ओसामा बिन लादेन मारा गया था. लखवी से लेकर सईद तक तमाम आतंकी पाकिस्तान में भरे हुए हैं. वहीं एक अमेरिकी थिंक टैंक ने ट्रंप से अपील की है कि पाकिस्तान पर आतंक को बढ़ावा देने के लिए जुर्माना लगाया जाए. इन तमाम वजहों से पाकिस्तान ऐसे कदम उठा रहा है जिससे संदेश जाए कि वो आंतक के खिलाफ कार्रवाई कर रहा है. सईद के खिलाफ ये कदम उसी का हिस्सा माना जा रहा है.