Saudi Investment in India: सऊदी अरब का प्राइवेट सेक्टर आने वाले दिनों में भारत के अंदर 750 मिलियन डॉलर का इनवेस्ट करने जा रहा है. इस मसले को लेकर पाकिस्तान के एक्सपर्ट कमर चीमा ने पाकिस्तानी सरकार की आलोचना की है. उन्होंने कहा कि जिस पैसे के लिए हम मिडल ईस्ट के देशों खासकर यूएई और सऊदी अरब से दरकार लगा रहे हैं, वे खुद ही भारत में इनवेस्ट कर रहे हैं. कमर चीमा ने कहा कि किसी देश से पैसा मांगना और कोई देश खुद ही आकर इनवेस्ट करे दोनों में बड़ा फर्क है.
कमर चीमा ने कहा कि मिडिल ईस्ट के देश आज भारतीय कंपनियों की ताकत को समझ रहे हैं. ये पैसे भारत बेस कंपनियों में लगाए जाएंगे, इससे साफ हो जाता है कि भारतीय कंपनियों में इतनी ताकत है कि वे फायदा दे सकती हैं. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान पिछले 77 सालों से सऊदी अरब और यूएई में जाकर कहता रहा कि अरे वे हिंदू हैं, कश्मीर में मुसलमानों के साथ ज्यादती कर रहे हैं. हम मुस्लिम देश हैं, इसके बावजूद सऊदी अरब ये सब सुनने को तैयार नहीं है. सऊदी अरब न तो पाकिस्ता में पैसा लगा रहा न ही बांग्लादेश में. सऊदी का साफ कहना है कि जहां फायदा होगा वहां पैसा लगाएंगे.
पिछल कुछ सालों में भारत में हुआ बड़ा बदलाव- पाकिस्तानी एक्सपर्ट
कमर चीमा ने कहा कि पिछले 10-15 साल पहले तो भारत में ऐसा नहीं होता था, आखिर अब ऐसा क्या बदलाव आ गया जो सऊदी इतना बड़ा इनवेस्टमेंट करने जा रहा है. कमर चीमा ने कहा कि इस बात को भारत से सीखने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के बलूचिस्तान में हालात इतने बेकाबू हो गए हैं कि चीनी तो भाग गए. चीनियों ने अपने रोड प्रोजेक्ट को धीमा कर दिया है. इसके साथ ही ग्वादर एयरपोर्ट पर भी चीन ने पैसा लगाया था, लेकिन वे इतना धीमा काम कर रहे हैं कि पाकिस्तान की आर्मी ने उन्हें खुद ही भगा दिया.
पाकिस्तान के लोग सऊदी में करते हैं फ्रॉड-चीमा
चीमा ने कहा कि पाकिस्तान का एक नेशनल चरित्र बन गया है कि जहां जाओ वहां से पैसा मांगो और लूटकर लाओ. उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के लोग सऊदी में जाते हैं वहां के डॉक्यूमेंट बनवाकर यूरोपीय बैंक से कर्ज लेते हैं और फरार हो जाते हैं. इन हालातों को देखते हुए सऊदी ने तो पाकिस्तानियों को वीजा देना बंद कर दिया है. चीमा ने कहा कि हम दुनिया को भले नहीं जानते लेकिन भारत को तो समझ सकते हैं. उन्होंने पाकिस्तान की सरकार को आइना दिखाते हुए कहा कि पाकिस्तान को भारत से बहुत कुछ सीखने की जरूरत है.