Pakistani Hindu Girl Deepan: पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से प्रताड़ित होकर आए गैर-मुस्लिमों को भारत ने नागरिक संशोधन अधिनियम, CAA के तहत सिटीजनशिप देना शुरू कर दिया है. ये सभी मुस्लिम बहुल देश हैं और हिंदुओं की आबादी यहां बेहद कम है. पाकिस्तान में हिंदुओं के उत्पीड़न और जबरन धर्म परिवर्तन को लेकर कई रिपोर्ट्स भी सामने आती रहती हैं. इस बीच सोशल मीडिया पर एक रील काफी वायरल हो रही है. रील में तीन लड़कियां कहती दिख रही हैं कि लोगों को लगता है कि पाकिस्तान में हिंदू खुश नहीं हैं, लेकिन हम यहां रहते हैं, हम त्योहार भी मनाते हैं और बेहद खुश हैं.
यह रील इंस्टाग्राम पर कराची में रहने वाली दीपना राजपूत के अकाउंट से पोस्ट की गई है. दीपना एक इंफ्लूएंसर हैं. इसमें उनके साथ दो और लड़कियां भी दिख रही हैं. रील में ये लोग कह रहे हैं कि लोगों की आम धारणा है कि पाकिस्तान में हिंदू खुश नहीं, लेकिन इसके विपरीत पाकिस्तानी हिंदू अपने देश में बहुत खुश हैं.
वीडियो को खूब पसंद कर रहे लोग
दीपना कहती दिख रही हैं, 'हम पाकिस्तानी हिंदू हैं और लोगों को लगता है कि हम यहां खुश नहीं हैं. हम पाकिस्तानी हिंदू हैं और लोगों को लगता है कि हम क्रिकेट मैच में भारत को सपोर्ट करते हैं.' रील को सोशल मीडिया पर काफी पसंद किया जा रहा है. भारत के भी कई यूजर्स ने वीडियो पर प्रतिक्रिया दी और लाइक किया. दीपना ने कहा कि हम मुस्लिम दोस्तों को सलाम बोलते हैं और वो हमें नमस्ते बोलकर ग्रीट करते हैं.
पाकिस्तान में सिर्फ 2.14 फीसदी हिंदू
पाकिस्तान में मुसलमानों के बाद सबसे ज्यादा आबादी हिंदुओं की है. हालांकि, हिंदू यहां सिर्फ 2.14 फीसदी ही हैं. 2017 की जनगणना के अनुसार, उनकी करीब 44 लाख आबादी यहां रहती है. मुस्लिमों की आबादी 96.47 फीसदी है.
साल 2018 में माइनॉरिटी वॉच रिपोर्ट में पाकिस्तानी हिंदुओं के हालात को लेकर चिंता जताई गई थी. इसमें कहा गया कि यहां अल्पसंख्यक हिंदू उत्पीड़न का सामना करते हैं. ईसाइयों की तरह हिंदू भी जबरन धर्म परिवर्तन की समस्या से जूझते हैं. यहां की अल्पसंख्यक आबादी ने भी पूजा स्थलों को तोड़े जाने और खतरों को लेकर चिंता व्यक्त की है.
दीपना ने साफ किया, किसी दबाव में नहीं बनाई वीडियो
दीपना का जन्म सिंध प्रांत के मीरपुरखास शहर में हुआ था. उन्होंने साफ किया कि वीडियो में वह और उनकी दोस्त जो कह रही हैं, वह उनकी अपनी राय है. पूरे पाकिस्तान की हिंदू आवाम की ओर से नहीं बोल रही हैं. उन्होंने यह भी साफ किया कि किसी के दबाव में उन्होंने यह रील नहीं बनाई और न ही अल्पसंख्यकों के हक को लेकर वह कोई लड़ाई लड़ रही हैं. दीपना ने कहा कि लोग उनके पोस्ट चेक देख सकते हैं कि वह कितनी अच्छी तरह से पाकिस्तान में अपने सारे हिंदू त्यौहार सेलिब्रेट करती हैं.
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