(Source: ECI/ABP News/ABP Majha)
Pakistan Economic Crisis: 'काश! मेरे दादा जी पाकिस्तान न आए होते', पाकिस्तानी पत्रकार का देश के आर्थिक हालात पर झलका दर्द
Pakistan: पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने लिखा था कि एशिया के दो देशों की अलग-अलग किस्मत है. एक संपन्न लोकतंत्र और उज्ज्वल भविष्य के साथ आगे बढ़ रहा है.
Pakistan Economic Crisis: इस्लामिक राष्ट्र खराब शासन के बीच लगातार आर्थिक संकट का सामना कर रहा है. हाल ही में एक पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी (Arzoo Kazmi) ने भारत और पाकिस्तान के बंटवारे के बारे में कहा था. उन्होंने कहा था कि उनके दादा जी का बंटवारे के दौरान भारत के बजाय पाकिस्तान को चुनने का फैसला बेहद ही खराब था. इस बात पर नाराजगी जताते हुए उन्होंने ट्विटर पर अपनी भड़ास निकाली थी.
इस वक्त पाकिस्तान के आर्थिक हालात बेहद ही खराब है. वहां के लोगों को हर रोज छोटी-छोटी जरूरतों को पूरा करने के लिए संघर्ष करना पड़ रहा है. देश में महंगाई की दर भी आसमान छू रही है.
आरजू काजमी ने किस्मत का रोना-रोया
पाकिस्तानी पत्रकार आरजू काजमी ने लिखा था कि एशिया के दो देशों की अलग-अलग किस्मत है. एक संपन्न लोकतंत्र और उज्ज्वल भविष्य के साथ आगे बढ़ रहा है. दुनिया में ग्लोबल पावर बनता जा रहा है. वहीं दूसरी ओर एक देश खाने को लेकर संघर्ष कर रहा है.
My brothers and other family members think they have no future in #Pakistan
— Arzoo Kazmi|आरज़ू काज़मी | آرزو کاظمی | 🇵🇰✒️🖋🕊 (@Arzookazmi30) April 1, 2023
My Grandfather and his family were migrated from #Prayagraj & #Delhi for better future in #Pakistan
Watt laga di Dada Ji 🙏
जहां आए दिन अनाजों को लेकर दंगे हो रहे है. पाकिस्तान में एक बड़ी संख्या बढ़ती महंगाई से परेशान है. यहां के लोग कई सारी जरूरी चीजों को पूरा करने में असफल हो रहे हैं. मुफ्त के आटे को लेने के लिए कई घंटों लगातार कतार में लगने को मजबूर हैं. आज पाकिस्तान में अराजकता है.
पाकिस्तान में आटे की चोरी
आरजू काजमी ने कहा कि आज के दौर में पाकिस्तान में रहने वालों को अपमान का सामना करना पड़ रहा है. यहां के लोगों का जीवन खतरे मे दिख रहा है. पाकिस्तान के कराची शहर में 31 मार्च को अनाज बांटने के दौरान भगदड़ मच गई थी. इस भगदड़ में महिलाओं और बच्चों सहित ग्यारह लोगों की जान चली गई थी. वहीं इसके अलावा पाकिस्तान के अन्य प्रांतों में कमोबेश यही हाल है.
जहां हाल के हफ्तों में भगदड़ मचने से कम से कम पांच अन्य लोग मारे गए थे और कई घायल हो गए थे. पेशावर में भी एक आटे से भरी ट्रक और वितरण केंद्रों से हज़ारों बोरियां भी लूटी जा चुकी हैं.